European Countries ने पुतिन पर शांति प्रयासों को लेकर दिखावा करने का आरोप लगाया
यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगियों ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर शांति वार्ता में रुचि दिखाने का दिखावा करने का आरोप लगाया। ब्रिटेन के विदेश मंत्री य्वेट कूपर ने कहा कि पुतिन को दिखावा और खूनखराबा बंद करके वार्ता के लिए तैयार रहना चाहिए और उचित व दीर्घकालिक शांति के प्रयासों का समर्थन करना चाहिए।
यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा ने पुतिन से “दुनिया का समय बर्बाद न करने” की अपील की। इन प्रतिक्रियाओं से पता चलता है कि युद्ध खत्म करने को लेकर रूस और यूक्रेन व उसके यूरोपीय सहयोगियों के बीच कितनी तनावपूर्ण स्थिति है। इससे एक दिन पहले पुतिन ने यूरोपीय देशों पर अमेरिका के नेतृत्व में जारी शांति प्रयासों पर पानी फेरने का आरोप लगाया था और आगाह किया था कि अगर रूस को उकसाया गया तो वह यूरोप से युद्ध करने के लिए भी तैयार है।
साल 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से देशों और अमेरिका ने यूक्रेन के वित्तीय व सैन्य समर्थन के रूप में अरबों डॉलर खर्च किए हैं। हालांकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका ने यूक्रेन को कम समर्थन दिया है। इसके बजाय अमेरिका ने उसपर युद्ध खत्म करने का अधिक दबाव बनाया है।
पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि मंगलवार रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन में पुतिन और अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ व ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर के बीच वार्ता सकारात्मक रही। हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।
ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विटकॉफ और कुशनर बृहस्पतिवार को आगे की बातचीत के लिए मियामी में यूक्रेन के मुख्य वार्ताकार रुस्तेम उमेरोव से मुलाकात करेंगे। ब्रसेल्स में बुधवार को हुई बैठक में नाटो में शामिल यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों ने मॉस्को के प्रति बहुत कम धैर्य दिखाया।
एस्टोनिया के विदेश मंत्री मार्गुस त्साह्कना ने कहा, “हम देख रहे हैं कि पुतिन ने अपने रवैये में कोई बदलाव नहीं किया है। वह युद्धक्षेत्र में और भी आक्रामक तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। यह बिल्कुल साफ है कि वह किसी भी तरह की शांति नहीं चाहते।” फिनलैंड की विदेश मंत्री एलीना वाल्टोनन ने भी यही बात दोहराई।
उन्होंने कहा, “अब तक हमने हमलावर यानी रूस की ओर से कोई नरमी नहीं देखी है, और मुझे लगता है कि भरोसा बहाल करने का सबसे अच्छा तरीका पूरी तरह से युद्धविराम लागू करना होगा।”
नाटो के महासचिव मार्क रूट ने कहा कि यूक्रेन के साझेदार सैन्य सहायता प्रदान करते रहेंगे ताकि मॉस्को पर दबाव बना रहे। रूट ने कहा, “शांति वार्ताएं जारी हैं। यह अच्छी बात है।” कनाडा, जर्मनी, पोलैंड और नीदरलैंड ने घोषणा की कि वे मिलकर सैकड़ों मिलियन डॉलर अतिरिक्त खर्च करेंगे ताकि अमेरिका के हथियार खरीदकर यूक्रेन को दान दिए जा सकें।
from Hindi News - News in Hindi - Latest News in Hindi | Prabhasakshi https://ift.tt/8YsJVPG
Post A Comment
No comments :