अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत पर रूसी तेल को फिर से बेचकर ‘‘मुनाफाखोरी’’ करने का मंगलवार को आरोप लगाया, लेकिन ऐसा करने को लेकर चीन को बख्श दिया।
यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है, जिसके बाद भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ गया है। इसमें रूसी तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत शुल्क भी शामिल है, जो 27 अगस्त से लागू होगा।
बेसेंट ने रूसी तेल खरीद के लिए चीन और भारत के साथ अलग-अलग व्यवहार किए जाने के बारे में सीएनबीसी पर पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस से चीन का तेल आयात केवल तीन प्रतिशत बढ़ा है, जबकि रूस से भारत का तेल आयात 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है।
बेसेंट ने कहा, ‘‘भारत केवल मुनाफाखोरी कर रहा है, वे इसे दोबारा बेच रहे हैं... उन्होंने 16 अरब डॉलर का अतिरिक्त मुनाफा कमाया... भारत के कुछ सबसे अमीर परिवारों ने (लाभ कमाया है)।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह भारतीय मध्यस्थता यानी सस्ता तेल खरीदकर उसे उत्पाद के रूप में दोबारा बेचना युद्ध के दौरान ही शुरू हुआ है... यह बिल्कुल अस्वीकार्य है।
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