पाकिस्तान को संयुक्त राज्य अमेरिका से एआईएम-120 उन्नत मध्यम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (एएमआरएएएम) मिलने की संभावना है, क्योंकि दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर होते दिख रहे हैं। अमेरिकी युद्ध विभाग (डीओडब्ल्यू), जिसे पहले रक्षा विभाग के नाम से जाना जाता था, द्वारा हाल ही में अधिसूचित एक हथियार अनुबंध में मिसाइलों के 35 खरीदारों में पाकिस्तान को भी शामिल किया गया है।
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एआईएम-120 एएमआरएएएम के खरीदारों में पाकिस्तान
समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ में प्रकाशित एक खबर के अनुसार अमेरिका के युद्ध मंत्रालय (डीओडब्ल्यू) की ओर से हाल ही में अधिसूचित एक हथियार अनुबंध में एआईएम-120 एएमआरएएएम के खरीदारों में पाकिस्तान का भी नाम शामिल है। अधिसूचना में कहा गया है ‘‘ इस अनुबंध में ब्रिटेन, पोलैंड, पाकिस्तान, जर्मनी, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, रोमानिया, कतर, ओमान, कोरिया, यूनान, स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, सिंगापुर, नीदरलैंड, चेक गणराज्य, जापान, स्लोवाकिया, डेनमार्क, कनाडा, बेल्जियम, बहरीन, सऊदी अरब, इटली, नॉर्वे, स्पेन, कुवैत, फिनलैंड, स्वीडन, ताइवान, लिथुआनिया, इजराइल, बुल्गारिया, हंगरी और तुर्की को विदेशी सैन्य बिक्री शामिल है।’’
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हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान को कितनी नयी एएमआरएएएम मिसाइलें दी जाएंगी लेकिन इस खबर के सामने आने से पाकिस्तानी वायुसेना के एफ-16 बेड़े के उन्नत होने की चर्चा हो रही है। इसमें आगे कहा गया है कि कार्य आदेश 30 मई, 2030 तक पूरा होने की संभावना है।
यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर के साथ हुई बैठक के कुछ ही दिनों बाद आया है, जिसमें ट्रंप ने एक बार फिर इस्लामाबाद और दिल्ली के बीच हालिया सैन्य संघर्ष को समाप्त करने में अपनी भूमिका का दावा किया था।
पाकिस्तान के F-16 जेट विमानों का उन्नयन?
इसने पाकिस्तानी वायु सेना के F-16 बेड़े के संभावित उन्नयन के बारे में अटकलों को हवा दे दी है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, AMRAAM केवल पाकिस्तानी वायु सेना के F-16 लड़ाकू विमानों के साथ ही संगत है। कथित तौर पर इसका इस्तेमाल फरवरी 2019 में भारत के साथ संघर्ष में किया गया था।
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