Tuesday, September 2, 2025

E20 FUEL पर क्यों मचा है बवाल, क्या गडकरी के बेटों का है इथेनॉल से कनेक्शन?

petrol

Ethanol E20 Fuel : देशभर में 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (E20) पर बवाल मचा हुआ है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इथेनॉल-फ्री पेट्रोल पर विकल्प की मांग खारिज कर दी है। इससे यह साफ हो गया है कि देश में E20 बिक्री जारी रहेगी। इस बीच गडकरी के बेटों निखिल और सारंग की इथेनॉल से कमाई भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। ALSO READ: E20 Petrol को लेकर क्यों मचा है बवाल, Supreme Court ने क्या कहा, माइलेज और वारंटी को लेकर उद्योग जगत का बयान

 

क्या है इथेनॉल : इथेनॉल (Ethanol) एक अलग प्रकार का ईंधन है। इसके इस्तेमाल से प्रदूषण कम होता है। यानी, इससे वाहन भी चलाया जा सकता है और पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचेगा। चूंकी एथेनॉल का उत्पादन स्थानीय स्तर पर होता है, इसलिए E20 ईंधन भारतीय किसानों के लिए मददगार साबित होता है और आयातित तेल पर निर्भरता कम करता है। यह अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद है। एथेनॉल, जो गन्ना, मक्का या अन्य कृषि उत्पादों से बनाया जाता है, एक नवीकरणीय संसाधन है और इसे पेट्रोल में मिलाकर वाहनों के उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलती है। 

 

क्या है लोगों की परेशानी की वजह : हाल ही में कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया कि E20 से गाड़ियों के टैंक में पानी घुस सकता है और नुकसान हो सकता है। इस पर तेल कंपनियों और पेट्रोलियम डीलर्स ने साफ किया कि ऐसी कोई शिकायत आधिकारिक तौर पर नहीं मिली है और न ही ऐसी कोई वैज्ञानिक स्टडी मौजूद है। 

 

E20 FUELका गडकरी के बेटों से कनेक्शन : मीडिया खबरों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बेटे निखिल गडकरी की कंपनी ‘सियान एग्रो इंडस्ट्रीज’ ने मात्र एक साल में अपने कारोबार और शेयर की कीमत में धमाकेदार वृद्धि दर्ज की है। कंपनी इथेनॉल बनाती है। सरकार की नीतियों से कंपनी का राजस्व 17 करोड़ रुपए से बढ़कर 510 करोड़ रुपए हो गया जबकि इसके शेयर की कीमत 40 रुपए से बढ़कर करीब 700 रुपए पर पहुंच गई। 

 

कुछ समय पहले नितिन गडकरी के परिवार से जुड़ी कंपनी मानस एग्रो इंडस्ट्रीज ने रम और व्हिस्की के ब्रांड बाजार में पेश किए थे। यह कंपनी शराब के साथ ही इथेनॉल भी बनाती है। 

 

डीजल में आइसोब्यूटेनॉल  : पेट्रोल में इथेनॉल के बाद अब डीजल में आइसोब्यूटेनॉल पर काम किया जा रहा है। फिलहाल डीजल में 10% आइसोब्यूटेनॉल के मिश्रण का प्रयोग किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह उत्सर्जन को कम करने और फ्यूल एफिशिएंसी को बढ़ाने में मदद कर सकता है। आइसोब्यूटेनॉल एक कलरलेस, फ्लेमेबल ऑर्गेनिक लिक्विड है जो पेंट और कोटिंग्स के लिए सॉलवेंट के रूप में काम आता है। 

edited by : Nrapendra Gupta 



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