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क्या आम जनता की जेब पर बेवजह बोझ बढ़ा रही है मोदी सरकार?

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रुड ऑइल के घटते दामों के बाद भी बढ़ाया उत्पाद शुल्क 

File Photo

नई दिल्ली - अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑइल  के तेजी से गिरते दामों के बावजूद भी मोदी सरकार ने देश में पेट्रोल-डीजल के दामों को कम कर लोगों को राहत देने की बजाय उत्पाद शुल्क में भारी बढ़ोतरी कर जनता की जेब पर बोझ डाल दिया है. यह बढ़ोतरी फौरन वापिस लेने की मांग कांग्रेस और बाकी विपक्षी दलों की ओर से की गई है. लेकिन सरकार इस मांग को मानने की कोई संभावना नहीं दिख रही है.

ज्ञात हों कि, पिछले कुछ दिनों से सउदी अरब और रूस में क्रुड ऑइल  प्राइस वाॅर चल रहा है. इसी चलते सउदी की ओर से तेल के दामों में भारी गिरावट की गई है. साथ ही इस समय पूरे विश्व में कोरोना वाइरस के संक्रमण के चलते बाजारों में उथल-पुथल चल रही है. इसका नतीजा यह रहा कि, पूरे अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दामों में भारी गिरावट हुई है.

इस गिरावट के चलते तेल मार्केटिंग कंपनिया चरणबद्ध तरीके से पेट्रोल-डीजल के दाम कम कर रही थी. पेट्रोल-डीजल के दाम पिछले 10 महिनों में सबसे नीचले स्तर पर पहुंच गए थे. जिससे कुछ हद तक आम लोगों को राहत मिल रही थी.

कच्चे तेल के दामों में हुई यह गिरावट पिछले करीब 30 वर्षों में सबसे अधिक है. 2008 के वैश्विक महामंदी में भी क्रूड के दाम काफी नीचे आए थे. लेकिन पिछले कुछ दशकों में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल की बिक्री को अपनी कमाई का एक अहम हिस्सा बना लिया है.

इसीका नतीजा है कि, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रुड के दामों बढ़ोतरी होती है तो सरकार द्वारा फौरन दाम बढ़ाए जाते है. लेकिन जब दाम घटते है, तो उस अनुपात में पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं होते. आज भी भारत में पेट्रोल-डीजल पर केंद्र, राज्य सरकारें भारी टैक्स वसूलती है, जिसका बोझ जनता पर पड़ रहा है.

अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इस भारी गिरावट के चलते भारत में भी पेट्रोल-डीजल के दाम घटने की आशंका जताई जा रही थी. लेकिन केंद्र सरकार ने दाम घटाने की बजाय पेट्रोल और डीजल पर विशेष आयात शुल्क बढ़ा दिया है. पेट्रोल का विशेष शुल्क 2 रुपये बढ़ाकर 8 रुपये तथा डीजल का विशेष आयात शुल्क 4 रुपये कर दिया गया है.

इस बढ़ोतरी से पेट्रोल-डीजल के दामों की गिरावट का जनता को कोई फायदा नहीं होने जा रहा है, बल्कि इससे आम जनता के जेब पर बोझ और भी बढ़ेगा. क्योंकि पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी होने पर ट्रान्सपोर्ट से लेकर विभिन्न वस्तूओं की महंगाई बढ़ती है.

सरकार के इस फैसले पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत बाकी पार्टियों ने कड़ी आपत्ति जतायी है. आने वाले समय में यह दाम कम नहीं किए तो सरकार को घेरने की तैयारी विपक्ष द्वारा की गई है. लेकिन अपने कड़े फैसलों के लिए विख्यात मोदी सरकार इस मामले में भी झुकने के आसार नहीं दिखते. इस स्थिति को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि, पेट्रोल-डीजल के बहाने मोदी सरकार आम जनता की जेब पर बोझ काफी बढ़ा रही है.

Tags - Is Modi government increasing the burden of the common people unnecessarily?

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