Pune

[Pune][bleft]

Maharashtra

[Maharashtra][bleft]

National

[National][bleft]

International News

[International][bleft]

Editor's picks

[Editor's pick][bleft]

Special Report: सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालि का निजीकरण कोरोनावायरस से भी खतरनाक

Privatization of Public Health System Even More Dangerous Than Coronavirus
File Photo
बड़े दुख की बात है कि, जब भी स्वाइन फ्ल्यू, चिकनगुनिया, डेंग्यु या किसी भी तरह की कोई महमारी आती हैतो सरकार को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं याद आती है. लेकिन इन सुविधाओं पर सरकार निधि का आवंटन करते हुए काफी कंजूषी बरतती है. निधि दिलाते समय सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को काफी पीछे रखती है.

आमतौर पर देखा जाए तो प्रति व्यक्ति आय के मामले में महाराष्ट्र का नंबर देश में पांचवा है. लेकिन सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च के मामले में महाराष्ट्र काफी निचली पायदान पर दिखाई देता है. महाराष्ट्र सरकार प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर मात्र 996 रुपये प्रति वर्ष खर्च करती है. महाराष्ट्र की तुलना में केंद्र सरकार स्वास्थ्य पर 1538 रुपये खर्च करती है.

अविकसित कहे जाने वाेला राज्य छत्तीसगढ़ (रु.1671), तेलंगाना (1801) यह राज्य भी महाराष्ट्र से अधिक पैसा स्वास्थ्य पर खर्च करती है. महाराष्ट्र सरकार को प्रति व्यक्ति 1600 रुपये या उससे अधिक पैसे खर्च करने चाहिए, यह मांग पिछले कई वर्षों से हो रही है. लेकिन किसी भी पार्टी की सरकार सत्ता में आए, इसमें कोई ज्यादा बदलाव नहीं दिखाई देता.

Post A Comment
  • Blogger Comment using Blogger
  • Facebook Comment using Facebook
  • Disqus Comment using Disqus

No comments :


Business News

[Business][twocolumns]

Health

[Health][twocolumns]

Technology

[Technology][twocolumns]

Entertainment

[Entertainment][twocolumns]