भूखी मां के लिए चोरी करने वाले बच्चे को कोर्ट ने दिया राशन का तोहफा
बिहार के नालंदा की घटना ने न्याय देवता की आंखें भी हुई नम
फोटो सौजन्य - दैनिक भास्कर |
नालंदा (बिहार) - कहते है कि कानून की देवता अंधी होती है. वह न्याय करते वक्त केवल गुनाह और गुनाहगार कोही है. लेकिन बिहार के नालंदा जिले में न्यायव्यवस्था ने एक ऐसा न्याय किया कि, सारे समाज की आंखें खोल कर रख दी. भूख से तड़पती मां के पेट की आग बुझाने के लिए चोरी करने वाले बच्चे को कोर्ट ने ना सिर्फ बाइज्जत बरी किया, बल्कि उसे राशन और कपड़ों का तोहफा भी दिलाया. इस घटना की जानकारी नालंदा के जिस व्यक्ति ने भी सुनी उसकी आंखें नम हुई.
कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए इस समय पूरे देश में लाॅक डाउन का कड़ाई से अमल किया जा रहा है. इस स्थिति में समाज का गरीब तबका सबसे ज्यादा परेशानियां झेल रहा है. देश के गरीब समाज को इस समय दो वक्त की रोटी के लिए भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
ऐसे में नालंदा जिले के इस्लामपुर में एक किशोरवयीन बच्चे ने भूख से तड़प रही अपनी मां और छोटे भाई के लिए खाना जुटाने के लिए चोरी की. लेकिन यह बच्चा पकड़ा गया. उसे पुलिस ने चोरी के इल्जाम में गिरफ्तार कर बिहार शरीफ के न्यायालय में जज मानवेंद्र मिश्र के सामने पेश किया गया.
जब बच्चे से उसके अपराध के संदर्भ में पूछा गया तो जज समेत कोर्ट के कर्मचारी और पुलिस भी सन्न रह गई. किशोर ने बताया कि, उसके पिता का निधन हो चुका है. तभी से उसके मां की मानसिक स्थिति ठिक नहीं रहती. उसे एक छोटा भाई भी है. पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी पर है. ऐसे में परिवार की भूख मिटाने के लिए उसने चोरी की.
नियम और कायदों के मुताबिक तो बच्चे को चोरी के आरोप में जेल या फिर बालसुधार गृह में जाना था. लेकिन इस बच्चे की कहानी यहां पर न्यायदेवता ने आंखों पर पट्टी रखकर नहीं, बल्कि उस पट्टी को खोलकर न्याय किया और वह भी डबडबाइ आंखों से. जज मिश्रा ने बच्चे को चोरी के आरोप से बाइज्जत बरी तो कर ही दिया. साथ ही संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए कि, बच्चे और उसके परिवार की भूख मिटाने के लिए उसे राशन दिया जाए.
कोर्ट के आदेश के बाद अधिकारी भी हरकत में आए और उन्होंने फौरन बच्चे और उसके परिवार के लिए अनाज और कपड़े प्रदान किए. इसके अलावा जज ने बीडीओ को आदेश दिया कि, राशन कार्ड, आधार कार्ड, विधवा मां को पेन्शन, गृह निर्माण के लिए अनुदान राशि दिलाने के लिए कागजों की पूर्ति करने के निर्देश दिए. साथ ही बच्चे की वित्तीय स्थिति की समय-समय पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया.
इस घटना की जानकारी जिले में जिस भी व्यक्ति तक पहुंची उसकी आंखें न्यायदेवता के इस करुणामय कृति से नम होने से नहीं बच सकी. न्यायदेवता की आंखों पर भलेही पट्टी बंधी हुई रहती हों, लेकिन इस न्याय ने लाक डाउन में गरिबों की खस्ता हालत पर सभी की आंखें खोल कर रख दी.
Tags - Court ordered to give ration to the boy whoom to steal for his hungry mother.
Labels
National
Post A Comment
No comments :