कोरोनावायरस से उपजे आर्थिक संकट से कैसे बचे?
मित्रों आप सभी जानते हैं हम कोरोनावायरस के साथ लड़ने के साथ निकट भविष्य में भयंकर आर्थिक मंदी का सामना करने जा रहे हैं. वर्ल्ड बैंक, इंटरनेशनल मोनेटरी फण्ड (IMF), हमारे देश के कई बड़े नेता तथा विचारकों द्वारा इस बात की चेतावनी हमें बार-बार दी जा रही हैं.
शरद पवार जैसे कृषि क्षेत्र के जानकार नेता भी हमें निकट भविष्य में हमारी पैसे खर्च करने की आदतें बदलने के लिए कह रहे हैं.
मशहूर अर्थशास्त्री तथा नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन, पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन और एक अन्य नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे अपने लेख में कहा है कि,अगर सही तरीके से इस हालात से नहीं निबटा गया तो देश में गरीबी बढ़ने और भुखमरी का खतरा बढ़ सकता है.
कोरोनावायरस के साथ चल रही लड़ाई में निकट भविष्य में शायद मानव जाति को कोरोना से छुटकारा मिल भी जाएगा, लेकिन इसके ख़त्म होने के बाद भारत जैसे देशों में जो भी हालात बनने जा रहे हैं उससे आने वाले कुछ वर्षों में हमें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता हैं.
दरअसल सच्चाई तो यह हैं कि, आनेवाले इस मंजर से हमें आगाह तो सभी कर रहे हैं, पर इस आर्थिक मंदी से किस तरह निपटें इस बात का कोई ठोस समाधान आज भी किसी के पास दिखाई नहीं दे रहा.
सरकार किसी की भी हो वह अकेले अपने दम पर बहोत कुछ हासिल नहीं कर सकती और महामारी के बाद निर्माण होने वाली इस अफरातफरी की परिस्थिति से अकेले नहीं निपट पाएगी. इसलिए सरकार से ज्यादा उम्मीद ना रखें. उन्हें अपना काम करने दें.
वास्तविकता यह हैं कि, निकट भविष्य में आने वाली इस आर्थिक मंदी से सबसे ज्यादा हमारे जैसे ही मध्यवर्ग, गरीब तबके सबसे ज्यादा आहत होने जा रहे हैं.
दिहाड़ी मजदूरी करने वाले तथा छोटा-मोटा व्यवसाय करने वाले गरीब के तबके लोगों का तो जीना हराम हो सकता हैं.
अमीरो को बहोत कुछ फर्क पड़ने वाला नहीं हैं. उनका तो केवल प्रॉफिट घटेगा. मगर हम जैसे करोडो लोग बेरोजगार हो जाएंगे जिसकी वजह से हमारे परिवार की जरूरतों को पूरा करना एक बड़ी समस्या होगी.
अभी फिलहाल हम लॉक-डाउन में घर में सुरक्षित बैठें हैं. मगर आने वाले संकट के प्रति आँखे मूंदकर बैठना हमारे भविष्य के लिए घातक सिद्ध हो सकता हैं. क्या आपको ऐसा नहीं लगता?
यदि आप इस मुश्किल घडी पर समाधान ढूंढना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें. आपको जरूर जवाब मिल जाएगा.
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