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नोवालीड फार्मा ने कोविड-19 पर खोजी हुई दवा के फेज 3 ट्रायल किए जाएंगे

Novalid Pharma to conduct Phase 3 trial of drug discovered on Kovid-19
File Photo
पुणे - भारत में दवाइयों के पुनर्निर्माण क्षेत्र की प्रथम अन्वेषक ‘नोवालीड फार्मा’ इस पुणे स्थित कंपनी ने मध्यम कोविड-19 पर खोजी हुई पुनर्निर्मित दवा के क्लीनिकल ट्रायल को डिसीजी (आई) से सिद्धांत रूप में अनुमोदन दिया गया है.

एनएलपी21 यह कोड नाम दी गयी यह दवा कई सालों से अपने मूल उद्देश्य के मानवी शरीर पर इलाज के लिए किसी भी दुष्प्रभाव के बिना इस्तेमाल की जा रही है.

दक्षिण कोरिया और यूनाइटेड स्टेटस की प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए तुलनीय वायरल विश्लेषण अनुसन्धान में पाया गया है कि रेमडेसिविर®, फेवीपीरावीर, हायड्रोक्सयक्लोरोक्विन, लोपीनवीर / रिटोनावीर आदि से भी एनएलपी21 में रोगाणु को अवरोध करने की क्षमता अधिक है.

इन सभी दवाइयों को कभी न कभी कोविड-19 पर संभावित इलाज माना गया था लेकिन उनके क्लिनिकल परिणाम अभी अनिर्णायक हैं.

नोवालीड फार्मा के सीईओ श्री. सुप्रीत देशपांडे ने बताया, "एनएलपी21 में कोविड19 का मुकाबला करने की अच्छी क्षमता पायी गयी है.  यह क्षमता एनएलपी21 को न केवल मानवी कोशिकाओं में वायरस को रोकने और वायरस के बोझ को कम करने में सक्षम बनाती है,

बल्कि क्षतिग्रस्त मानवी कोशिकाओं को भी स्वस्थ कोशिकाओं में बदलने में मदद करती है, कोविड-19 संक्रमण का प्रभावी ढंग से सामना कर पाने के लिए यह आवश्यक हैं। इसके अलावा, नोवालीड ने साबित किया है कि एनएलपी21 में उन साइटोकिन्स को रोकने की क्षमता है जो मध्यम से गंभीर कोविड-19 में अत्यधिक मात्रा में उत्पन्न होते हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि  "हमारे पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, नोवालीड को परीक्षण के लिए दी गयी अनुमति भारत में डिसीजी (आई) द्वारा दी गयी फेज 3 की मात्र दूसरी अनुमति है.

आवेदन जमा करने से लेकर सिद्धांत रूप में अनुमोदन तक की प्रक्रिया केवल चार दिनों में पूरी हुई।  ऐसी कुशल समीक्षा और अनुमोदन प्रक्रिया के लिए हम विशेषज्ञों और डिसीजी(आई) का धन्यवाद करते हैं. अब हम बीआइआरएसी और अन्य सरकारी व्यवस्थाओं से इस परीक्षण का समर्थन करने की उम्मीद करते हैं क्योंकि एनएलपी21 में देश पर आयी हुई विपदा को रोकने की क्षमता है."

प्रस्तावित क्लिनिकल ट्रायल के बारे में जानकारी देते हुए नोवालीड फार्मा के रिसर्च हेड डॉ सुधीर कुलकर्णी ने बताया, "यह अनुसंधान अस्पतालों में भर्ती किए गए 100-150 मरीजों पर किया जाएगा जिन्हें ऑक्सीजन की जरुरत है लेकिन मैकेनिकल वेंटीलेटर की जरुरत नहीं है/

इसमें मरीज ज्यादा से ज्यादा 21 दिनों तक ट्रायल में रहेगा, हमें उम्मीद है कि इसमें हम एनएलपी21 की क्षमता को साबित कर पाएंगे जो मरीजों के सार्स-सीओवी-2 वायरल बोझ को वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे इलाजों से बेहतर और तेजी से कम कर पाएगा।  हमें आशा है कि यह ट्रायल अगले 3-4 महीनों में पूरा होगा."

नोवालीड ने इस दवा का नाम गोपनीय रखा है. ट्रायल की जा रही दवाओं से अलग एनएलपी21 आसानी से उपलब्ध हो सकती है और अगर लोगों को इसका नाम अभी पता चला तो वे क्लिनिकल ट्रायल के पहले ही उसका सेवन करना शुरू कर सकते हैं.

आज पूरी दुनिया को कोविड-19 पर एक अनुमोदित दवा की तलाश है, ऐसे में अगर नोवालीड की यह खोज सफल हो जाती है तो उससे न केवल संक्रमण का खतरा दूर होगा बल्कि मरीजों को गंभीर स्थिति में पहुंचने से पहले मैकेनिकल वेंटीलेटर के बिना संक्रमण से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी.

Tags - Novalid Pharma to conduct Phase 3 trial of drug discovered on Kovid-19

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