किसानों को खरीफ मौसम में कर्ज ना मिलने की शिकायत ना आएं
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के अधिकारीयों को निर्देश
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File Photo |
मुंबई - खरीफ के मौसम में खेती में बुआई के लिए किसानों को कर्ज की आवश्यकता रहती है. ऐसे में राष्ट्रीयकृत बैंकों से किसानों को कर्ज मिलने में कोई दिक्कत ना आएं, इसके लिए बैंकों के साथ अधिकारी उचित समन्वय बनाकर रखते हुए किसानों को कर्ज दिलाएं. कोई भी किसान कर्ज से वंचित होने की शिकायत प्राप्त ना हों, ऐसे सख्त निर्देश राज्य के मुख्यमंत्री उद्धाव ठाकरे ने अधिकारीयों को दिए.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने खरीफ मौसम की स्थिति के संदर्भ में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरीए संवाद साधा. इस समय राज्य के कृषि मंत्री दादा भुसे, सहकार मंत्री बालासाहब पाटिल उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि, खरीफ मौसम में किसानों को खाद और बीज की खरीद के लिए पैसों की आवश्यकता होती है. ऐसे में किसानों को कर्ज मिलना जरुरी होता है. राष्ट्रीयकृत बैंकों से किसानों को कर्ज दिलाने के संदर्भ में राजस्व विभाग के अधिकारी उचित प्रयास करें. कोई भी किसान कर्ज से वंचित होने की शिकायत ना आएं. ऐसी शिकायत आने पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि, खरीफ के मौसम में अक्सर खाद और बीजों की कमी से किसानों को जूझना पड़ता है. ऐसे में इसका पर्याप्त मात्रा में संग्रहण हों और किसी भी किसान को इस संकट का सामना ना करना पड़े, इस दिशा में प्रयास किए जाएं.
कई बार बाजार में नकली बीजों के कारण किसानों के साथ धोखाधड़ी होती है. ऐसे मामलों में सख्ती से बरती जाएं और किसी भी किसान के साथ धोखाधड़ी ना हों. ऐसे मामले सामने आते है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएं.
इस बैठक में जानकारी दी गई कि, खरीफ के मौसम के लिए केंद्र सरकार से 43.50 लाख मेट्रिक टन खाद की मांग की गई है. इसमें से 40 लाख मेट्रिक टन की मंजूरी मिल गई है. इसमें 50 हजार मेट्रिक टन खाद को आरक्षीत रखा जाएगा, जिससे खाद की कमी से किसानों को ना गुजरना पड़ें.
राज्य में कुल 381 लाख क्विंटल कपास की खरीद की गई है, जबकि नौं लाख क्विंटल की खरीद अभी बाकी है. 18.81 लाख क्विंटल तुअर की खरीद की गई है. जोकि दो लाख किसानों से की गई है, ऐसी जानकारी इस समय दी गई.
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