कठिनाईयों से बाहर निकलने के लिए 'बियॉन्ड द बॉक्स' सोच जरुरी : अनंत कालवीट
धनश्री जोग के 'होरायझन' व् 'बियॉन्ड द बॉक्स' पुस्तक का ऑनलाईन विमोचन
पुणे : कोरोना की इस महामारी में हम सब अभी काफी कठिन स्थिति से गुजर रहे है. हालांकि कठिनाईयों से बाहर निकलने या किसी भी क्षेत्र में सफलता के शिखर पर पहुंचने के लिए हमें दायरे से बाहर निकलकर ही सोचना जरुरी है. इसी सोच को 'बियॉन्ड द बॉक्स' सोच कहा जाता है, ऐसा मत झेडएफ गिअरिंग सर्व्हिसेस के अध्यक्ष अनंत कालवीट ने व्यक्त किया.
उद्योजिका, तकनिकी सलाहकार एवं लेखिका धनश्री जोग के 'होरायझन' इस कथासंग्रह और 'बियॉन्ड द बॉक्स' यह तकनिकी विषय के किताब का विमोचन अनंत कालवीट समेत भूतपूर्व विधायक मेधा कुलकर्णी के हाथों किया गया. साहित्य क्षेत्र के इतिहास में शायद ही पहली बार ऑनलाइन विमोचन हुआ होगा. इस कार्यक्रम का प्रसारण फेसबुक लाईव्ह से हुआ.
अलग-अलग संस्था और व्यक्तियों के साथ कई साल काम करने के बाद जो अनुभव धनश्री को मिले, वे अनुभव उन्होंने घटनाओ के साथ अपने ‘होरायझन’ पुस्तक में विदित किए. वहीं बिजनेस के सिद्धांत और काम करते समय आवश्यक तकनिकी बातों को बताने का प्रयास 'बियॉन्ड द बॉक्स' पुस्तक में किया गया है.
अनंत कालवीट ने कहा, यह किताब तकनिकी तौर काफी गहन है, लेकिन काफी सरलता लिखी गई है. इसके कारम सामान्य व्यक्ति भी इस पुस्तक को पढ़ते समय रूचि उत्पन्न होगी. उद्योग में यश पाने और किसी कठिनाई में क्या करना चाहिए, इसके लिए कुछ टेक्निक्स इसमें लिखे है. जो प्रैक्टिकली अमल में लाये जा सकते है. काम करते समय आनेवाले कठिनाई में दायरे से बाहर जाकर कैसा सोचे, यह इसमें दिया है.
मेधा कुलकर्णी ने कहा की, जीवन में आये अनुभवों को छोटी छोटी कथाओ में रचा है. इस से धनश्री के मन में जो भी भावनिक आंदोलन हो रहा है, ओ दर्शाता है. किताब पढ़ते समय अपने भीतर चाहत बनी रहती है. समाज के विविध अंग में काम करते समय आये अनुभव को प्रामाणिक रूप से लिखा गया है. कई बार ऐसा लगता है, की यह अनुभव तो हमारे जीवन में भी आये थे. इससे अपने जीवन को रिलेट करने के साथ नई सिख भी मिलती है.
प्रस्तावना में धनश्री जोग ने किताबो के बारे में बताया. मंजुषा वैद्य, अमेय जोग ने सुत्रसंचालन किया. धनश्री जोग ने धन्यवाद ज्ञापित किये.
Tags - It is important to think beyond the box to get out of the difficulties: Anant Kalwit
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