आर्मी इन्स्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी के 'द पॅक' टीम ने जीता पहला पुरस्कार
स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन में 'एआयटी' की 'द पॅक' टीम बनी विजेता
फाइनल राउंड में २० टीमों में से 'एआयटी'ने हैदराबाद की एमएलआर इन्स्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अच्छा प्रदर्शन कर आर्मी इन्स्टिट्यूट की टीम ने जीत हासिल की. भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा मंडल (एआयसीटीई) के संयुक्त तत्वावधान में १ से ३ अगस्त २०२० के दौरान यह हैकेथॉन आयोजित की गई.
इस हैकेथॉन की सॉफ्टवेअर कैटेगरी में लगभग २५६ प्राईवेट एवं सरकारी संस्थाओं से टीमें शामिल हुई थीं. करीब एक लाख छात्रों ने इसमें हिस्सा लिया था. समाज व्याप्त अलग-अलग समस्याओं को लेकर उनपर समाधान खोजने वाले सॉफ्टवेयर बनाने का टास्क इसमें दिया गया था.
'एआईटी' के रिषव शर्मा के नेतृत्व में अक्षय शर्मा, सत्य प्रकाश, हर्ष चौहान, दीपशिखा त्रिपाठी, शिवम कुमार के टीम 'द पैक'ने यह 'युरेका' नाम का सॉफ्टवेअर बनाया. कोरोना के कारन अभी ऑनलाइन शिक्षा शुरू हुई है.
ऐसे में देश के ग्रामीण भाग में और पिछड़े वर्गों के बच्चो को इंटरनेट कनेक्टिविटी के अभाव के कारण शिक्षा अर्जित करने में कई सारी बाधाओं का सामना करना पड़ता है. साथ ही ऑनलाइन विडियो देनेवाले प्लेटफार्म का खर्च काफी ज्यादा होने कारण इन बच्चों शिक्षा से वंचित रहना पड़ता है.
इन बच्चो के लिए 'द पैक'ने यह अप्लिकेशन तैयार किया है. कम इंटरनेट बँडविड्थ में भी यह चल सकता है. ऑटोमेटेड ई-लर्निंग के तरफ यह एक पहलाव है. इस अप्लिकेशन में अभी के ई-लर्निंग प्लॅटफॉर्म की सब सुविधाएं एकत्रित रूप में दी गई है. 'द पॅक' के साथही 'एआयटी' के 'हेक्साडा', 'माधवाज' और लोरा एसवायएनसी ये तीन और टीमोने भी फाइनल राउंड में अपना कौशल्य दिखाया.
इस जीत के अवसर पर 'एआयटी' के संचालक ब्रिगेडियर अभय भट (निवृत्त) ने छात्र का अभिनन्दन किया. अभय भट ने कहा, "स्मार्ट इंडिया हॅकेथॉन का विजेतापद आर्मी इन्स्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (एआयटी) के ' द पॅक' टीम को मिला, यह हमारे लिए गौरव की बात है. विश्वभर में यह स्मार्ट इंडिया हॅकेथॉन सन्मानपूर्वक जानी जाती है.
पिछले दो वर्षो से 'एआईटी' सभी तकनिकी प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन कर रही है. २०१९ व २०२० इन दो सालों के 'केपीआयटी स्पार्कल'का भी विजेतापद एआयटी को मिला था. पिछले साल आयआयटी दिल्ली में हुई 'एनईसी हेकेथॉन' में भी पहले तीन क्रमांक 'एआयटी' को मिले थे.
इससे छात्रों की मेहनत, उनकी गुणवत्ता और शिक्षक, स्टाफ और पेरेंट्स का सपोर्ट भी दिखाई देता है. समाज की समस्याएं हल करने में हमारे छात्र योगदान दे रहे है, इस बात का हमें काफी हर्ष हो रहा है."
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