Pune

[Pune][bleft]

Maharashtra

[Maharashtra][bleft]

National

[National][bleft]

International News

[International][bleft]

Editor's picks

[Editor's pick][bleft]

गाना गाते हुए मुहम्मद रफी के मुंह से निकलने लगा था खून, मौत से कुछ समय पहले रिकॉर्ड किया अपना आखिरी गाना

नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा जगत में मोहम्मद रफी श्रेष्ठतम पार्श्व गायकों में से एक थे। उनकी सुरीली आवाज़ और गायिकी को देखते हुए मशहूर संगीतकार नौशाद ने मोहम्मद रफी को भारत के नए तानसेन का नाम दिया था। मोहम्मद रफी साहब के लिए ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा उन जैसा फनकार शायद ही इसी दुनिया में फिर से जन्म ले। मोहम्मद रफी साहब के नाम 28 हज़ार गानों का शानदार रिकॉर्ड भी दर्ज है। वहीं मुहम्मद रफी का आखिरी गाना ही हर किसी को उनकी मौत को याद दिलाता है।

Mohammed Rafi

मौत से पहले रिकॉर्ड किया आखिरी गाना

31 जुलाई साल 1980 में मोहम्मद रफी ने आखिरी सांस ली। अपनी आवाज़ से लोगों को जिंदगी की अहमियत बताने वाले मोहम्मद रफी अचानक से दुनिया को अलविदा कह गए। 31 जुलाई ही वही दिन है। जब रफी साहब ने आखिरी बार स्टूडियो में गुनगुनाया था। अपनी मौत से बस कुछ घंटे पहले ही वो अपने आखिरी गाने की रिकॉर्डिंग करके आए थे। मुहम्मद रफी का आखिरी गाना फिल्म 'आसपास' का 'शाम फिर क्यों उदास है दोस्त, तू कहीं आसपास है दोस्त' था। ये उनका आखिरी गीत था। जिसे उन्होंने अपनी शानदार आवाज़ से सजाया था।

Mohammed Rafi

यह भी पढ़ें- रफी ने 13 साल की उम्र में गाया था पहला गाना

गाना गाते हुए निकलने लगे गले से खून

फिल्म इंडस्ट्री में मोहम्मद रफी को लेकर कई दिलचस्प किस्से मशहूर हैं। जिसमें से एक उनका मौत का किस्सा था। दरअसल, एक बार एक अपराधी को फांसी के लिए लटकाया जा रहा था। अपराधी से इससे पहले उसकी इच्छा पूछी गई थी। मरने से पहले उस अपराधी ने मोहम्मद रफी के गानों को सुनने की इच्छा जाहिर की। फांसी के तख्त पर लटकते हुए उस अपराधी ने रफी की फिल्म 'बैजू बावरा' का 'ऐ दुनिया' सुनने की इच्छा जताई। बतााय जाता है कि इश गाने को गाने के लिए रफी साहब ने 15 दिनों तक रियाज किया था। गाने को गाते हुए रफी साहब के गले तक से खून निकलने लगा था।

Mohammed Rafi

यह भी पढ़ें- रफी के सबसे बेहतरीन गाने, जो हैं हर युवा दिल की धडक़न- यहां सजेगी महफिल

 

 

मनोज कुमार ने कही थी दिल छू लेने वाली बात

जब मोहम्मद रफी साहब का देहांत हुआ उस दिन मुंबई में तेज बारिश हो रही था। तेज बारिश होने के बावजूद भी हज़ारों की संख्या में लोग रफी साहब के अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे थे। इस भावुक दृश्य को देख दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार ने कहा था कि "सुरों की मां सरस्वती भी अपने आंसू बहा रही हैं आज।" बेशक आज मोहम्मद रफी साहब इस दुनिया में मौजूद नहीं हैं। लेकिन उनके गानें आज भी कई पीढ़ियां सुनकर बड़ी हो रही हैं।

 



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3kaYDPa
Post A Comment
  • Blogger Comment using Blogger
  • Facebook Comment using Facebook
  • Disqus Comment using Disqus

No comments :


Business News

[Business][twocolumns]

Health

[Health][twocolumns]

Technology

[Technology][twocolumns]

Entertainment

[Entertainment][twocolumns]