गुजरात जहरीली शराब कांडः सरकारी अस्पताल से भागे 14 मरीज, कांग्रेस ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया यह आरोप

गुजरात के भावनगर जिले के जहरीली शराब कांड में सरकारी अस्पताल की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। दरअसल भावनगर जिला सरकारी अस्पताल से जहरीली शराब का सेवन करने से बीमार पड़े 13 से 14 मरीज फरार हो गए। इन मरीजों को अस्पताल की ओर से डिस्चार्ज नहीं किया गया था। उससे पहले ही ये लोग अस्पताल छोड़कर भाग निकले। इस मामले को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़े किए है।
अस्पताल से भागे 13 से 14 मरीजों का पता लगाने और उन्हें वापस लाने के लिए बोटाद पुलिस से मदद मांगी है। भावनगर जिला सरकारी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. जयेश ब्रह्मभट्ट ने बताया कि मंगलवार दोपहर से बुधवार सुबह तक 13 से 14 मरीज अस्पताल से भाग चुके हैं। अस्पताल प्रशासन ने पुलिस के साथ मरीजों की सूची साझा की है और उन्हें वापस लाने का अनुरोध किया है ताकि उनका इलाज पूरा किया जा सके।
कानूनी पचड़े से बचने से लिए भागने की आशंका-
ब्रह्मभट्ट ने कहा कि मरीजों को लगा होगा कि वे ठीक हो गए हैं और उन्हें आगे के इलाज की जरूरत नहीं है, इसलिए आधिकारिक छुट्टी की प्रतीक्षा करने के बजाय, उन्होंने अस्पताल छोड़ दिया है। हालांकि कुछ लोग अस्पताल से मरीजों के भागने के पीछे मामले में चल रही पुलिस जांच को कारण बता रहे हैं। बता दें कि गुजरात में शराब का सेवन करना काननून अपराध है। ऐसे में मरीजों को लगा होगा कि कहीं वो भी कानूनी पचड़े में न फंस जाए। इस कारण वो अस्पताल को बिना सूचना दिए भाग निकले।
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गार्ड तैनात रहते हैं फिर मरीज कैसे भाग गएः कांग्रेस-
वहीं दूसरी ओर इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता मनहर पटेल ने आरोप लगाया कि अस्पताल के कर्मचारियों या सुरक्षा कर्मियों की भागीदारी के बिना यह संभव नहीं है। सरकारी अस्पताल में सभी महत्वपूर्ण प्रवेश और निकास द्वारों पर चौबीसों घंटे निजी सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। एजेंसी की सेवाएं अस्पताल की रोगी कल्याण समिति द्वारा हायर की जाती हैं। उन्होंने मांग की कि केवल मरीजों को वापस लाने के बजाय भावनगर पुलिस को यह भी जांच करनी चाहिए कि क्या अस्पताल से कोई मरीजों को भागने में मदद करने में शामिल था?
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कांग्रेस नेता बोले- 88 मरीज करा रहे थे अपना इलाज-
कांग्रेस प्रवक्ता पटेल के अनुसार 88 मरीज अवैध शराब के दुष्प्रभाव का इलाज करा रहे थे, जिनमें से सुबह तक 14 की मौत हो चुकी थी और सात की हालत गंभीर थी। इन सभी मरीजों को बोटाद जिले के बरवाला तालुका से इलाज के लिए लाया गया था। बताते चले कि गुजरात में जहरीली शराब पीने से अभी तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि दर्जनों अलग-अलग अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।
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