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संजय राउत बोले- बागियों ने अपना रास्ता खुद चुना, फैसले पर होगा अफसोस...

मुंबई। शिवसेना नेता संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि बागियों ने स्वयं अपना रास्ता चुना है और उन्हें अपने फैसले पर 'अफसोस' होगा। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि शिवसेना सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी। उन्होंने एक तस्वीर भी शेयर की जिसमें एक व्यक्ति उद्धव ठाकरे की तरह कुर्ता-पायजामा में दिखाई दे रहा है और उसके पीठ पर बने जख्म से खून रिस रहा है। राउत ने साथ ही लिखा, एकदम ऐसा ही हुआ है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के तौर पर बुधवार को मंत्रिमंडल की आखिरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए उद्धव ठाकरे ने बागियों का सदंर्भ देते हुए कहा था कि उनके अपने लोगों ने ही धोखा दिया। ठाकरे शिवसेना के अध्यक्ष भी हैं।

राउत ने कहा कि शिवसेना जो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ महा विकास अघाडी सरकार का नेतृत्व कर रही थी, सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी। ठाणे के प्रभावशाली नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के अधिकतर विधायकों के बगावत के बाद पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के एक दिन बाद राउत ने यह बात कही।

राउत ने यह भी कहा कि बागी नेताओं को शिवसेना से अलग होने के अपने फैसले पर अफसोस होगा। राउत ने कहा कि वह शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय भी जाएंगे जिसने उन्हें धनशोधन के एक मामले में समन जारी किया है। उन्होंने कहा कि वह एजेंसी के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।

राउत ने कहा, आपको (बागी नेताओं को) इसके लिए अफसोस होगा। एकनाथ शिंदे (बागी विधायकों के नेता) कट्टर शिवसैनिक थे और कई सालों तक उन्होंने पाटी के लिए काम किया। चाहे वह (विधायक) गुलाबराव पाटिल, संदीपन भुमरे और अन्य (जिन्होंने शिंदे का पक्ष लिया) हो, उन्होंने पार्टी के लिए कार्य किया और उसके लिए संघर्ष किया। उन्होंने अपना रास्ता स्वयं चुना है।

शिंदे ने शिवसेना के 55 विधायकों में से 39 का समर्थन होने का दावा किया है। राउत ने कहा, हम उनके रास्ते में कोई बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे। वे अपना गठबंधन (भाजपा के साथ) कर सकते हैं। हम अपना काम करेंगे। अब रास्ते अलग हैं। हम सकारात्मक विपक्ष की तरह काम करेंगे।

भाजपा का नाम लिए बिना राउत ने कहा कि वह उन लोगों को जानते हैं जिन्होंने शिवसेना के विधायकों पर दबाव डाला और जिसकी परिणति पार्टी में बगावत के रूप में सामने आई। राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि सभी को उद्धव नीत सरकार में भरोसा था...। फिर चाहे वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार हों या कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सभी को उद्धव ठाकरे पर भरोसा था।

राउत ने कहा, लेकिन पहले दिन से ही सरकार गिराने की कोशिश हो रही थी और हमें इसकी जानकारी थी। उन्होंने (भाजपा ने) केंद्रीय एजेंसियों व अन्य तरीकों से दबाव बनाया।

गौरतलब है कि शिवसेना के बागी विधायकों ने पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राउत के बयान को उनके और पार्टी नेतृत्व के बीच दूरी बढ़ाने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए ठाकरे के करीबी राउत ने कहा, अगर मैं शिवसैनिक को मंत्री बनाने के लिए जिम्मेदार हूं तो यह जिम्मेदारी मैं लेता हूं।

उन्होंने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) का गठन आत्मसम्मान की लड़ाई और दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे के शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाने के सपने को साकार करने के लिए था। राउत ने सवाल किया कि क्या बागी विधायक शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाएंगे?

हालांकि शिवसेना सांसद का यह बयान भाजपा द्वारा ठाणे से विधायक और शिवसेना के बागी गुट का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे को नया मुख्यमंत्री घोषित करने से पहले का है। बागियों ने पार्टी से बगावत का मुख्य कारण कांग्रेस और राकांपा से गठबंधन को बताया था।

राउत ने इस पर कहा कि कई बागी विधायक जो यह तर्क दे रहे हैं, पहले राकांपा के ही सदस्य थे और उनमें से कई विधायक मंत्री बनने के लिए शिवसेना में शामिल हुए थे। राउत ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी पार्टी नए जोश से काम करेगी। उन्होंने कहा, शिवसेना सत्ता के लिए पैदा नहीं हुई है, बल्कि सत्ता शिवसेना के लिए जन्मी है।(भाषा)


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