जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने विधायी दल के नेता धर्मजीत सिंह को छह साल के लिए निष्कासित किया
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने रविवार को अपने विधायी दल के नेता धर्मजीत सिंह को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। पार्टी के एक नेता ने बताया कि सिंह को अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों की अनदेखी करने के लिए निष्कासित किया गया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत को लिखे एक पत्र में जेसीसी (जे) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधायक रेनू जोगी ने सिंह को निष्कासित करने की जानकारी दी। रेनू जोगी ने पत्र में लिखा, “पार्टी की कोर कमेटी ने दुख के साथ एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
जेसीसी (जे) विधायी दल के नेता सिंह जो कि लोरमी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। सिंह को अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के हितों की अनदेखी करने तथा पार्टी के संस्थापक दिवंगत अजित जोगी के सिद्धांतों के विरुद्ध चलने के लिए निष्कासित किया गया।” सिंह के स्थान पर रेनू जोगी को जेसीसी (जे) के विधायी दल का नेता नियुक्त किया गया है। संपर्क किये जाने पर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उन्हें अभी तक निष्कासन पत्र नहीं मिला है।
पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी ने 2016 में कांग्रेस का साथ छोड़कर जेसीसी (जे) की स्थापना की थी। इस पार्टी को जोगी कांग्रेस के नाम से भी जाना जाता है। जोगी का मई 2020 में निधन हो गया था। अजित जोगी के बेटे और पूर्व विधायक अमित जोगी ने एक बयान में कहा, “दिवंगत अजित जोगी ने सिंह पर भरोसा जताते हुए उनको विधायी दल का नेता नियुक्त किया था। लेकिन पिछले एक साल से लोरमी से शिकायत मिल रही थी कि सिंह ने लोगों के हितों की अनदेखी की और अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के पार्टी कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर एक विशेष जाति के लोगों को महत्व दिया।” अमित जोगी ने कहा कि सिंह अपने हित के लिए अन्य दलों (भाजपा) के नेताओं के संपर्क में थे।
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