उत्तराखंड में होगा मंत्रिमंडल का विस्तार, CM धामी और गृहमंत्री शाह ने की मुलाकात
देहरादून। उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात ने एक बार फिर उत्तराखंड में मंत्रियों के कान खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री की इस मुलाकात के बाद प्रदेश के 4 कैबिनेट मंत्रियों को चला चली की बेला में बताया जाने लगा है।
अपनी करतूतों-कारनामों का एहसास होने से ये सभी स्वयं भी सहमे हुए बताये जा रहे हैं। लगभग एक घंटे तक चली इस मुलाकात में मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास और योजनाओं तथा प्रगति की ही रिपोर्ट शाह को नहीं दी बल्कि उनको राज्य और पार्टी-सरकार के भीतर के ताजा हालात की भी पूरी रिपोर्ट दी गई।
हालांकि मुख्यमंत्री की तरफ से इस मुलाकात के बारे में यह कहा गया कि पिछले दिनों राज्य में विभिन्न जगह आई दैवीय आपदा और उन क्षेत्रों में किए गए आपदा प्रबन्धन, राहत व बचाव कार्यों की विस्तार से जानकारी दी गई। राज्य में पुलिस आधुनिकीकरण के मुद्दे पर भी विचार-विमर्श हुआ। लेकिन यह सबको मालूम है कि मुलाकात का असली मुद्दा सरकार और BJP सार्वजानिक करने से बच रही है।
बुधवार दोपहर लगभग 3 बजे हुई दोनों नेताओं की मुलाकात ने तो कुछ मंत्रियों की नींद ही उड़ाई हुई है। उनकी आशंका है कि उनको या तो पदच्युत किया जा सकता है या फिर उनके मंत्रालयों को छीना जा सकता है। BJP आलाकमान लोकसभा चुनाव में राज्य की पांचों सीटों को फिर अपनी झोली में डालने के लिए कोई भी कदम उठाने को तैयार बताया जा रहा है। राज्य कैबिनेट में कैबिनेट मंत्री के तीन पद खाली चल रहे हैं इनको लेकर भी पार्टी आगामी दिनों में फैसला लेने वाली है।
इसलिए विधायक जो मंत्री पद की दौड़ में हैं की भी हाईकमान की परिक्रमा बढ़ गई है। विधायक अपनी-अपनी जुगत में लगने के अलावा सामाजिक समीकरणों को भी साधने की तरफ पार्टी का ध्यान आकृष्ट करने में लगे हैं। ऐसी भी चर्चाएं हैं कि आलाकमान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंत्रियों और विधायकों की गोपनीय रिपोर्ट भी तलब की है।
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अपनी करतूतों-कारनामों का एहसास होने से ये सभी स्वयं भी सहमे हुए बताये जा रहे हैं। लगभग एक घंटे तक चली इस मुलाकात में मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास और योजनाओं तथा प्रगति की ही रिपोर्ट शाह को नहीं दी बल्कि उनको राज्य और पार्टी-सरकार के भीतर के ताजा हालात की भी पूरी रिपोर्ट दी गई।
हालांकि मुख्यमंत्री की तरफ से इस मुलाकात के बारे में यह कहा गया कि पिछले दिनों राज्य में विभिन्न जगह आई दैवीय आपदा और उन क्षेत्रों में किए गए आपदा प्रबन्धन, राहत व बचाव कार्यों की विस्तार से जानकारी दी गई। राज्य में पुलिस आधुनिकीकरण के मुद्दे पर भी विचार-विमर्श हुआ। लेकिन यह सबको मालूम है कि मुलाकात का असली मुद्दा सरकार और BJP सार्वजानिक करने से बच रही है।
बुधवार दोपहर लगभग 3 बजे हुई दोनों नेताओं की मुलाकात ने तो कुछ मंत्रियों की नींद ही उड़ाई हुई है। उनकी आशंका है कि उनको या तो पदच्युत किया जा सकता है या फिर उनके मंत्रालयों को छीना जा सकता है। BJP आलाकमान लोकसभा चुनाव में राज्य की पांचों सीटों को फिर अपनी झोली में डालने के लिए कोई भी कदम उठाने को तैयार बताया जा रहा है। राज्य कैबिनेट में कैबिनेट मंत्री के तीन पद खाली चल रहे हैं इनको लेकर भी पार्टी आगामी दिनों में फैसला लेने वाली है।
इसलिए विधायक जो मंत्री पद की दौड़ में हैं की भी हाईकमान की परिक्रमा बढ़ गई है। विधायक अपनी-अपनी जुगत में लगने के अलावा सामाजिक समीकरणों को भी साधने की तरफ पार्टी का ध्यान आकृष्ट करने में लगे हैं। ऐसी भी चर्चाएं हैं कि आलाकमान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंत्रियों और विधायकों की गोपनीय रिपोर्ट भी तलब की है।
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