'पंढरपुर की वारी' में महाराष्ट्र की संस्कृति की झलक, 12 अक्टूबर तक चलेगी प्रदर्शनी
मुंबई. पंढरपुर विठोबा मंदिर की वार्षिक यात्रा में शामिल होने वाले लाखों श्रद्धालुओं पर आधारित 'पंढरपुर की वारी' फोटो प्रदर्शनी महाराष्ट्र के मंत्रालय के त्रिमूर्ति प्रखंड में सोमवार से शुरू हुई। तमाम परेशानियों के बावजूद यात्रा के दौरान भक्तों को उत्साह को समर्पित इस प्रदर्शनी में महाराष्ट्र की संस्कृति की झलक है। राज्य के पर्यटन मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने इसका उद्घाटन किया। महाराष्ट्र पर्यटन निदेशालय ने समाजसेवी परवेज दमानिया के सहयोग से इसे आयोजित किया है। उद्घाटन समारोह में पर्यटन सचिव सौरभ विजय, पर्यटन निदेशक डॉ. भगवंतराव एन. पाटिल, उप-सचिव उज्ज्वला दांडेकर, संयुक्त निदेशक डॉ. धनंजय सावलकर, सामाजिक कार्यकर्ता एवं कला संग्राहक रतन लूथ मौजूद रहे। फोटोग्राफी के शौकीन-कला प्रशंसकों के लिए यह प्रदर्शनी 12 अक्टूबर तक खुली रहेगी।
ड्रोन शाट्स सहित 47 तस्वीरें
प्रदर्शनी में कुछ ड्रोन शॉट्स सहित कुल 47 तस्वीरें शामिल की गई हैं। फोटो पत्रकार पद्मश्री सुधारक ओल्वे, शांतनु दास, महेश लोंकर, पी. बसु, मुकुंद पारके, सौरभ भाटीकर, डॉ. सावन गांधी, प्रणव देव, राहुल गोडसे और धनेश्वर विद्या के अलावा सिंबायोसिस यूनिवर्सिटी के प्रो. नितिन जोशी, दीपक भोसले और शिवम हरमलकर की टीम द्वारा खींची हुईं तस्वीरें इनमें शुमार हैं। इन लोगों ने वारकरियों (श्रद्धालुओं) की आस्था, किंवदंती, इतिहास और परंपरा के इन कालातीत क्षणों को कैद किया है।
पंढरपुर तीर्थ यात्रा के हर पल का अनुभव
पर्यटन मंत्री लोढ़ा ने कहा कि प्रदर्शनी में शामिल तस्वीरें पंढरपुर वारी के हर पल का अनुभव कराती हैं। ये फोटो महाराष्ट्र की संस्कृति और मानवता का प्रतिनिधित्व करती हैं। वार्षिक आषाढ़ी यात्रा 21 दिन की होती है। इस दौरान श्रद्धालु पैदल 250 किमी चलते हैं। उन्हें तस्वीरों में कैद करना आसान नहीं है। फोटोग्राफर्स ने सराहनीय काम किया है।
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