निजी क्षेत्र के उपग्रह 'इंटरनेट ऑफ थिंग्स', पृथ्वी अवलोकन को देंगे बढ़ावा
इसरो के पृथ्वी अवलोकन-06 उपग्रह के अलावा, पीएसएलवी सी-54 अभियान के जरिए बेंगलुरु आधारित पिक्सेल द्वारा निर्मित आनंद, हैदराबाद के ध्रुवस्पेस द्वारा निर्मित थाईबोल्ट 1 और 2 तथा स्विटरजरलैंड के एस्ट्रोकास्ट के चार छोटे उपग्रह को भी उनकी कक्षाओं में स्थापित किया गया है। यह ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ (आईओटी) को समर्पित उपग्रहों के समूह का निर्माण कर रहा है।
पीएसएलवी ने भारत और भूटान द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक उपग्रह को भी उसकी कक्षा में स्थापित किया, जो इस पड़ोसी देश को उसके प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए ‘हाई-रिजोल्यूशन’ तस्वीरें उपलब्ध करेगा।
पिक्सेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अवैस अहमद ने बताया, आनंद एक हाइपरस्पेक्ट्रल माइक्रो-सैटेलाइट है जो पारंपरिक गैर-हाइपरस्पेक्ट्रल उपग्रहों की तुलना में कहीं अधिक विस्तृत रूप से पृथ्वी का अवलोकन कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पिक्सेल के उपग्रहों से ली गई तस्वीरों का उपयोग कीटों की अधिक संख्या में मौजूदगी और तेल पाइप लाइन में रिसाव का पता लगाने में किया जा सकता है। अहमद ने कहा, हम छह वाणिज्यिक हाइपरस्पेक्ट्रल उपग्रहों का विकास कर रहे हैं, जो अगले अगले साल प्रक्षेपित किया जाएगा।
ध्रुवस्पेस के सीईओ संजय नेक्कांति ने कहा, हमारा अनुमान है कि यह संस्थानों और निगमों को इस बात को मानने के लिए प्रोत्साहित करेगा कि व्यक्तिगत रुचि वाला रेडियो उनके सर्वांगीण विकास में योगदान दे सकता है।
इंडियन स्पेस एसोसिएशन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने कहा, आज का प्रक्षेपण नई चुनौतियां स्वीकार करने और भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के फलने-फूलने के संकल्प का गवाह है।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour
from समाचार https://ift.tt/6P5tc8N
via IFTTT
Labels
Maharashtra
Post A Comment
No comments :