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Uttarakhand: शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष ने अंकिता हत्याकांड व अन्य मामलों को लेकर सरकार को किया कठघरे में खड़ा

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन अंकिता भंडारी मामले में वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं होने, सीबीआई जांच कराने, नशे का फैलता कारोबार समेत अन्य मुद्दे उठाकर विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए सदन से वॉकआउट किया। सरकार ने कहा कि अंकिता भंडारी मामले में सीबीआई जांच के बाबद् हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा।

 

मंगलवार की सुबह 11 बजे प्रश्नकाल की शुरुआत में ही नेता विपक्ष यशपाल आर्य व प्रीतम सिंह ने नियम 310 के तहत बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चर्चा कराए जाने की मांग की। स्पीकर ऋतु खंडूडी ने भोजनावकाश के बाद नियम 58 के तहत कानून व्यवस्था और चर्चा कराने का भरोसा दिया।

 

भोजनावकाश के बाद अनुपूरक बजट पेश करने के बाद कांग्रेस ने नियम 58 के तहत अंकिता भंडारी, केदार भंडारी, जसपुर में ज्येष्ठ उप प्रमुख की पत्नी की हत्या, कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा की हत्या की साजिश, कांग्रेस विधायक आदेश चौहान को घर में घुसकर धमकी देने, हत्या, बलात्कार समेत कई अन्य आपराधिक वारदातों को गिनाते हुए बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सरकार से जवाब मांगा।
 

विपक्ष के आरोपों को सुनने के बाद स्पीकर ऋतु खंडूडी ने कांग्रेस विधायक आदेश चौहान को धमकी देने के मामले में सरकार को 1 सप्ताह के अंदर कार्रवाई करने के आदेश दिए। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस शासन की तुलना में भाजपा राज में अपराध कम हुए हैं।

 

उन्होंने कहा कि गृह विभाग द्वारा प्रदान की गई सूचनाओं पर ही भरोसा कर लिया जाए तो 1 मार्च 2022 से लेकर 15 नवंबर 2022 तक यानी 8 महीनों में राज्य में 139 हत्याएं हुई हैं, 279 महिलाओं का अपहरण हुआ है और 554 से अधिक बलात्कार की घटनाएं हुई हैं।

 

नेता प्रतिपक्ष का आरोप था कि अब उत्तराखंड का गृह विभाग कमजोर तबके अनुसूचित जाति के लोगों के साथ हो रहे अपराधों की सूचना भी संग्रहीत नहीं करता है। अंकिता हत्याकांड, पिंकी हत्याकांड, जगदीश हत्याकांड सहित उधम सिंह नगर में हुई हाल की घटनाओं में हुई हत्याओं के मामले भी विपक्ष ने उठाए।

 

पूर्व नेता प्रतिपक्ष व चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने नियम 310 के अंतर्गत कार्यस्थगन की सूचना में अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच तथा प्रदेश की ध्वस्त व बदहाल हो चुकी कानून व्यवस्था पर तीखे प्रहार करते कहा कि वीआईपी का अभी तक पता नहीं चल सका है और अंकिता भंडारी मर्डर केस में बुलडोजर चलाने वाले पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

 

कांग्रेस के कड़े प्रहार के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अंकिता हत्याकांड को दु:खद घटना करार देते हुए पुलिस व SIT जांच का लेखा-जोखा सदन के सामने रखा। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि रिसॉर्ट में वीआईपी कमरे हैं। अभी तक की जांच में किसी भी वीआईपी का नाम सामने नहीं आया। रिसॉर्ट के रजिस्टर की जांच में भी किसी वीआईपी का नाम नहीं है।

 

Edited by: Ravindra Gupta



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