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गुजरात और हिमाचल प्रदेश में किस पार्टी के सिर सजेगा ताज, आज होगा साफ, कुछ देर में आएंगे चुनाव के नतीजे

गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव नतीजों की बारी आ गई है। आज यानी आठ दिसंबर को दोनों राज्यों के चुनाव नतीजे सामने आएंगे। सुबह आठ बजे से पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होगी। इसके बाद ईवीएम मशीनों से रुझान आने शुरू होंगे। देश भर की निगाहें गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव नतीजों पर टिकी हुई है। चुनाव आयोग के अनुसार अलग अलग मतगणना केंद्रों पर मतों की गिनती की जाएगी। ये भी माना जा रहा है कि सुबह नौ बजे पहला रूझान आने के बाद दोपहर तक दोनों राज्यों में स्थिति साफ हो जाएगी।

गुजरात में 182 सीटों पर हुए थे चुनाव
गुजरात में 33 जिलों की 182 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव दो चरणों में एक दिसंबर और पांच दिसंबर को हुआ था। 182 विधानसभा सीटों के लिए 37 मतगणना केंद्रों पर बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे वोटों की गिनती शुरू होगी। गुजरात में भाजपा और कांग्रेस के अलावा इस बार आम आदमी पार्टी भी कड़ी टक्कर दे रही है, जिस कारण यहां मुकाबला त्रिकोणीय रहा है। आमतौर पर यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला देखने को मिलता रहा है।

अगर इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतने में सफल रहती है तो लगातार सातवीं बार भाजपा का इस राज्य की सरकार पर कब्जा होगा। भाजपा का दावा है कि 182 में से 117-151 सीटें भाजपा के खाते में आएंगी। वहीं कांग्रेस पार्टी ने 16-51 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। आम आदमी पार्टी भी यहां अपना खाता खोल सकती है। उसे यहां दो से 13 सीटें मिलने की संभावना है। बता दें कि गुजरात में सरकार बनाने के लिए पार्टी को 92 सीटों पर विजय हासिल करना जरूरी होता है।
  
आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष गुजरात में 66.31 फीसदी मतदान हुआ था जबकि वर्ष 2017 में यहां 71.28 प्रतिशत मतदान हुआ था। गुजरात चुनाव के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, ‘आप’ के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी, युवा नेता हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर मुख्य चेहरे हैं जिनके भविष्य का फैसला होना है। बता दें कि गुजरात में कुल 1,621 उम्मीदवार चुनाव मैदान में किस्मत आजमाने उतरे थे। गुजरात चुनाव में 70 राजनीतिक दल और 624 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे।

ऐसा है हिमाचल प्रदेश का हाल
हिमाचल प्रदेश में 68 निर्वाचन क्षेत्रों में 412 उम्मीदवारों की किस्मत का नतीजा सामने आएगा। इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला जनता 12 नवंबर को मतदान करके कर चुकी है। हर पांच वर्षों बाद सरकार बदलती है। भारतीय जनता पार्टी अभी यहां सत्ता में है मगर माना जा रहा है कि इस बार भी रिवाज कायम रहेगा और कांग्रेस पार्टी के सिर सत्ता का ताज सज सकता है। विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जहां विकास के अपने एजेंडे की बदौलत चुनावी सफलता दोहराने की उम्मीद कर रही है। वहीं सत्ता पाने के इंतजार में बैठी कांग्रेस पार्टी मतदाताओं से निवर्तमान सरकार को सत्ता से बेदखल करने की चार दशक पुरानी परंपरा के बने रहने की आशा कर रही है।
  
इस पर्वतीय राज्य में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह और पूर्व भाजपा प्रमुख सतपाल सिंह सत्ती जैसे दिग्गजों की किस्मत का फैसला किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रचार अभियान करने पहुंचे थे। यहां भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई चुनावी सभाएं कीं। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत प्रधानमंत्री मोदी की एक और उपलब्धि होगी, जिन्होंने पार्टी के संदर्भ में ‘‘सत्ता समर्थक लहर’’ का नारा दिया है।
  
नए कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में पहला चुनाव
पिछले दो चुनावों में लचर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस के लिए भाजपा से हिमाचल प्रदेश छीनना अपने अस्तित्व का सवाल है। कांग्रेस के लिए यह और भी अहम है क्योंकि 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति (मल्लिकार्जुन खरगे) ने पार्टी की कमान संभाली है और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रचार से पूरी तरह दूर रहे। कांग्रेस ने 2021 में पश्चिम बंगाल, केरल, असम, पुडुचेरी और इस साल पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर समेत नौ राज्यों में हार झेली है। कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान मुख्यत: पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने संभाली थी।

क्या हिमाचल में बदलती है सत्ता
हिमाचल प्रदेश का हर बार सत्ता बदलने का इतिहास रहा है। हिमाचल प्रदेश में जीत अगले साल नौ राज्यों में होने वाले चुनावों तथा 2024 के आम चुनाव में भी भाजपा की संभावनाओं को बल देगी। इसमें हिंदी पट्टी के प्रमुख राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश शामिल हैं। राज्य में नयी-नयी आयी आम आदमी पार्टी (आप) का अभियान काफी शांत रहा क्योंकि मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच बनता दिख रहा था। भाजपा ने राज्य की महिला मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद होने के कारण उन्हें लुभाने के लिए सोच-समझकर कदम उठाए हैं। पार्टी ने उनके लिए एक अलग घोषणा पत्र भी जारी किया। भाजपा ने समान नागरिक संहिता लागू करने और राज्य में आठ लाख नौकरियां पैदा करने का वादा किया जबकि कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, 300 यूनिट निशुल्क बिजली देने और 680 करोड़ रुपये के स्टार्टअप की घोषणा की। कांग्रेस को उम्मीद है कि पुरानी पेंशन योजना और कई अन्य मुद्दों पर जनता ने उसे समर्थन दिया है और हिमाचल में उसकी सरकार बनेगी। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 44 और कांग्रेस को 21 सीटें हासिल हुई थीं।


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