बड़ी खबर : सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के लिए सरकार ने बनाए कड़े कानून, भ्रामक विज्ञापन पर लगेगा 10 से 50 लाख का जुर्माना
नई दिल्ली। देश में आजकल सोशल मीडिया (Social Media) पर बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए अपने उत्पादों का प्रचार एक अच्छा माध्यम बन गया है, लेकिन सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के लिए केंद्र सरकार ने कड़े कानून बनाते हुए नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके अनुसार अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भ्रामक विज्ञापन लगाने पर 10 से 50 लाख रुपए का जुर्माना लग सकता है।
खबरों के अनुसार, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और कंपनियों के लिए एक नई गाइड लाइन जारी की है, जिसके अनुसार अब सेलिब्रिटीज या इनफ्लूएंसर्स ऐसे ही किसी भी कंपनी के उत्पाद का प्रचार सोशल मीडिया पर नहीं कर पाएंगे, बल्कि इसके लिए प्रचार के साथ उन्हें कुछ जरूरी जानकारी भी संलग्न करनी होगी।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का कहना है कि सोशल मीडिया इन्फ्लूएंशन पेड कंटेंट को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं, जो कि नियमों का उल्लंघन है। नई गाइड लाइन के अनुसार, अब उत्पाद का प्रचार करने वाले हर सेलिब्रिटी व इन्फ्लुएंसर को बताना होगा कि इस प्रचार के लिए उन्होंने पैसा लिया है या नहीं, साथ ही यह भी जानकारी देनी होगी कि उत्पाद के प्रचार के पीछे उनका वित्तीय हित शामिल है या नहीं।
नई गाइड लाइन के अनुसार, अब उत्पाद का प्रचार करने वाले हर सेलिब्रिटी व इन्फ्लुएंसर को बताना होगा कि विज्ञापन के प्रचार के लिए उन्हें पैसे मिले हैं या नहीं और यह जानकारी इनफ्लूएंसर्स को वीडियो में ही देनी होगी।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के लिए केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार, सरकार के इस नियम का पालन नहीं किया तो कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत जुर्माना देना पड़ सकता है यानी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भ्रामक विज्ञापन लगाने पर 10 से 50 लाख रुपए का जुर्माना लग सकता है।
इतना ही नहीं 6 सालों के लिए किसी भी प्रोडक्ट का प्रचार करने पर भी रोक लगाई जा सकती है। यह गाइड लाइन शुक्रवार से पूरे देश में लागू हो गई है। खबरों के अनुसार, साल 2020 में सोशल मीडिया 1275 करोड़ रुपए का एक बड़ा बाजार था और 2025 तक इसके 20 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।
Edited By : Chetan Gour
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खबरों के अनुसार, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और कंपनियों के लिए एक नई गाइड लाइन जारी की है, जिसके अनुसार अब सेलिब्रिटीज या इनफ्लूएंसर्स ऐसे ही किसी भी कंपनी के उत्पाद का प्रचार सोशल मीडिया पर नहीं कर पाएंगे, बल्कि इसके लिए प्रचार के साथ उन्हें कुछ जरूरी जानकारी भी संलग्न करनी होगी।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का कहना है कि सोशल मीडिया इन्फ्लूएंशन पेड कंटेंट को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं, जो कि नियमों का उल्लंघन है। नई गाइड लाइन के अनुसार, अब उत्पाद का प्रचार करने वाले हर सेलिब्रिटी व इन्फ्लुएंसर को बताना होगा कि इस प्रचार के लिए उन्होंने पैसा लिया है या नहीं, साथ ही यह भी जानकारी देनी होगी कि उत्पाद के प्रचार के पीछे उनका वित्तीय हित शामिल है या नहीं।
नई गाइड लाइन के अनुसार, अब उत्पाद का प्रचार करने वाले हर सेलिब्रिटी व इन्फ्लुएंसर को बताना होगा कि विज्ञापन के प्रचार के लिए उन्हें पैसे मिले हैं या नहीं और यह जानकारी इनफ्लूएंसर्स को वीडियो में ही देनी होगी।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के लिए केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार, सरकार के इस नियम का पालन नहीं किया तो कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत जुर्माना देना पड़ सकता है यानी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भ्रामक विज्ञापन लगाने पर 10 से 50 लाख रुपए का जुर्माना लग सकता है।
इतना ही नहीं 6 सालों के लिए किसी भी प्रोडक्ट का प्रचार करने पर भी रोक लगाई जा सकती है। यह गाइड लाइन शुक्रवार से पूरे देश में लागू हो गई है। खबरों के अनुसार, साल 2020 में सोशल मीडिया 1275 करोड़ रुपए का एक बड़ा बाजार था और 2025 तक इसके 20 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।
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