बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कर्मियों ने निकाला कैंडल मार्च
विभिन्न बैंक संगठनों के 200 से ज्यादा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे
पुणे : उत्कृष्ट ग्राहक सेवा के लिए आवश्यक क्लर्क, ऑफिसर्स, सब स्टाफ, पार्ट टाइम सब स्टॉफ भर्ती करने और प्रशासकीय तबादलों में मनमानी की पॉलिसी को बंद करने के साथ ही ग्राहकों और कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने आदि मांगों को लेकर बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कर्मचारियों ने सोमवार को कैंडल मार्च निकाला. इस कैंडल मार्च में 200 से अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया.
यूनायटेड फोरम फॉर महाबैंक यूनियन की ओर से शिवाजीनगर पुलिस ग्रांउड के बैंक ऑफ महाराष्ट्र के जाने ऑफिस से मुख्य कार्यालय के पास एकबोटे कॉलोनी के पोस्ट ऑफिस तक कैंडल मार्च निकाला गया. इस कैंडल मार्च में ऑल इंडिया बैंक ऑफ महाराष्ट्र एम्पलाइज फेडरेशन, बैंक ऑफ महाराष्ट्र कर्मचारी महासंघ, बैंक ऑफ महाराष्ट्र कर्मचारी सेना और महाबैंक नवनिर्माण सेना आदि कर्मचारी संगठनों ने भाग लिया.
इस अवसर पर संगठनों के प्रतिनिधि धनंजय कुलकर्णी, शैलेश टिलेकर, अनंत सावंत, राजीव ताम्हाणे, बी.कृष्णा, संतोष गदादे, विराज टिकेकर आदि उपस्थित थे.
इस अवसर पर धनंजय कुलकर्णी ने कहा कि, एक तरफ बैंक का टर्न ओवर और मुनाफा बढ़ रहा है. बैंकिंग के क्षेत्र में महाबैंक का नाम उत्कृष्ट बैंक के रूप में लिया जाता है. बैंक की इस प्रगति में प्रत्येक कर्मचारी का महत्वपूर्ण योगदान है. निजीकरण, कोरोना काल में भी सभी ओर अनिश्चितता होते हुए भी कर्मचारियों ने अच्छा काम किया है और कर रहे हैं.
बैंक का टर्नओवर, नई शाखाएं और नई योजनाए आदि सेवाएं बैंक ने शुरु की है लेकिन कर्मचारियों की भर्ती नहीं की है. इसके साथ ही रिक्त पद भी नहीं भरे जा रहे हैं. इस कारण ग्राहकों को सेवा देते समय कर्मचारियों पर काफी प्रेशर आता है. इच्छा होते हुए भी अच्छी सेवा देने की भी कर्मचारियों की एक सीमा होती है. इसलिए कर्मचारी भर्ती शीघ्र की जाए.
शैलेश टिलेकर ने कहा कि, लंबित मांगों के लिए लगातार फॉलोअप किया जा रहा है. इससे पहले ज्ञापन, ट्विटर, मोर्चा निकाला गया था. इसके बाद भी इस बारे में कोई विचार नहीं किया गया, इसलिए अब कैंडल मार्च निकाला गया है.
अब इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं की गई तो तीव्र आंदोलन किया जाएगा. तबादलों के लिए भी मनमानी पॉलिसी अपनाई जा रही है. कर्मचारियों को विश्वास में न लेकर निर्णय थौंपा जा रहा है. इन सभी बातों का विरोध और असंवेदनशील बैंक मैनजमेंट को जगाने के लिए सभी कर्मचारी एक जुट हो गए हैं.
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