चीन में कोरोना से बेकाबू हुए हालात पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पहली बार दिया बयान, बोले- चुनौतियां हैं बरकरार...
दरअसल, इस कम्युनिस्ट देश से आने वाले यात्रियों की कोविड जांच के लिए भारत और अन्य देशों द्वारा कदम उठाए जाने के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बीजिंग को कोरोनावायरस के स्वरूपों के बारे में और अधिक डेटा मुहैया करने को कहा है।
शी ने राष्ट्र के नाम अपने नववर्ष संबोधन में कहा, हम अब कोविड-19 से लड़ने के एक नए चरण में प्रवेश कर गए हैं, जहां कड़ी चुनौतियां बरकरार हैं। उन्होंने कहा कि यह एक आसान सफर नहीं रहा है क्योंकि देश को अभूतपूर्व मुश्किलों और चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
शी ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर कहा कि चीन की असाधारण कोशिशों ने उसे अभूतपूर्व मुश्किलों से पार पाने में मदद की है। उन्होंने कहा, असाधारण कोशिशों से हमने अभूतपूर्व मुश्किलों और चुनौतियों से पार पाया है और यह किसी के लिए भी आसान सफर नहीं रहा।
उन्होंने देश में मौजूद कोविड महामारी की गंभीर स्थिति के बारे में सूचना मुहैया किए बगैर यह कहा। अपने संबोधन के दौरान शी ने कहा कि चीन ने उभरती स्थिति के आलोक में कोविड-19 प्रतिक्रिया अपनाई। उन्होंने कहा, उम्मीद की किरण हमारे सामने है। हमें कुछ अतिरिक्त कोशिश करनी होगी, क्योंकि एकता का मतलब जीत है।
लोगों के प्रदर्शन के बाद इस महीने की शुरूआत में ‘जीरो-कोविड’ नीति में रातोंरात ढील देने के पश्चात, पिछले कुछ दिनों में यह दूसरा मौका है, जब शी ने देश में कोविड की मौजूदा स्थिति पर बोला है। इस बीच, डब्ल्यूएचओ की बार-बार की अपील के बाद चीन ने शुक्रवार को अपने अधिकारियों को वैश्विक स्वास्थ्य संस्था के विशेषज्ञों से बात करने की अनुमति दे दी।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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