धूत की याचिका खारिज, कोचर दंपती को घर का भोजन नहीं

मुंबई. आइसीआइसीआइ बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत की याचिका खारिज कर दी। सीबीआइ द्वारा गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए धूत ने तुरंत रिहाई का अनुरोध किया था। इसी मामले में आरोपी बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर व उनके पति दीपक कोचर को घर से भोजन, बिस्तर, गद्दा-तकिया-कुर्सी मंगाने की अर्जी भी अदालत ने निरस्त कर दी। विशेष न्यायाधीश ने जेल प्रशासन को आदेश दिया कि चिकित्सकीय सलाह लेकर कोचर दंपती को भोजन-नाश्ता दिया जाए। विदित हो कि सीबीआइ ने 23 दिसंबर को कोचर दंपती को व इसके तीन दिन बाद धूत को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया है।
धूत के वकील ने दलील दी कि कोचर दंपती को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआइ अधिकारी दबाव में थे। कोचर दंपती को डर था कि धूत सरकारी गवाह बन सकते हैं। महज इसके लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, जो सही नहीं है। अदालत ने धूत के वकील के तर्क को खारिज कर दिया। चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने नियमों को ताक पर रख वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपए का लोन दिया। बदले में धूत के नेतृत्ववाले समूह ने दीपक की कंपनी में 2010-12 के बीच 64 करोड़ रुपए निवेश किया। इस कर्ज का बड़ा हिस्सा बाद में आइसीआइसीआइ बैंक ने एनपीए घोषित कर दिया।
वधावन के खिलाफ केस
पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के घोटाले के आरोपी एचडीआइएल की सहायक गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन के प्रमोटरों राकेश व सारंग वधावन के खिलाफ सीबीआइ ने गुरुवार को 140 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने जांच एजेंसी से शिकायत की थी। एचडीआइएल व इसके प्रमोटरों पर पीएमसी बैंक के साथ 4,300 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी का भी आरोप है।
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