Sanjay Raut ने कहा एमएलसी चुनाव को लेकर एमवीए में भ्रम, उद्धव गुट हमेशा कुर्बानी नहीं दे सकता
शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) के नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए होने वाले आगामी चुनावों को लेकर विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) में भ्रम है और उनकी पार्टी हमेशा ‘कुर्बानी’ नहीं दे सकती। मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत में राउत ने कहा कि उनकी पार्टी ने नासिक डिवीजन स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार शुभांगी पाटिल द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से समर्थन मांगने के बाद चुनाव में उनका (पाटिल) समर्थन करने का फैसला किया है।
महाराष्ट्र विधान परिषद के पांच सदस्यों (एमएलसी) का कार्यकाल सात फरवरी को समाप्त हो रहा है। विधान परिषद के नए सदस्यों का चुनाव करने के लिए मतदान 30 जनवरी को होगा, जबकि मतगणना दो फरवरी को की जाएगी। राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा, “इन चुनावों के माध्यम से, हमने उम्मीदवारों के चयन और अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों को लेकर एमवीए में स्पष्ट रूप से भ्रम देखा। हमें भविष्य में बहुत संभलकर चलना होगा और ऐसा भ्रम नहीं पैदा होना चाहिए। एमवीए के घटक दलों को यही सबक लेना है।”
उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के सदस्य गंगाधर नकाडे (नागपुर शिक्षक सीट) ने पार्टी के निर्देश के बाद अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली, क्योंकि ऐसी भावना है कि अगर एमवीए के संबंध में कोई निर्णय लेना है तो सभी को मिलकर लड़ना होगा। राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार के बीच बातचीत के बाद कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार सुधाकर अदबले (नागपुर सीट से) को समर्थन देने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा, “नागपुर सीट शिवसेना (यूबीटी) के लिए छोड़ी गई थी, लेकिन फिर बलिदान करने की जिम्मेदारी शिवसेना (यूबीटी) पर है और हम ‘विपक्षी एकता’ जैसे महान शब्दों को महत्व देते हुए ऐसा करते आ रहे हैं। लेकिन, अब से ऐसा नहीं होगा। हम अपने रुख पर फैसला करेंगे।
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