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Weather update : यूपी सहित इन राज्यों में अगले 3 दिन तक छाएगा घना कोहरा, शीतलहर की गिरफ्त में रहेगा उत्तर भारत, जानिए मौसम का हाल

नई दिल्ली। Weather update : नए साल की शुरुआत के साथ उत्तर पश्चिम भारत के बड़े हिस्से में शीतलहर की स्थिति लौट आई है। मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों में उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश में घने कोहरे का अनुमान जताया है। उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी मध्यप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अगले दो दिनों में ठंड की स्थिति का अनुभव होने की संभावना है। 

 

मंद हवाओं और सिंधु-गंगा के मैदानी इलाकों में सतह के पास उच्च नमी के कारण वर्ष के इस समय कोहरा छाया रहना सामान्य बात है क्योंकि कड़ाके की ठंड की स्थिति में नमी संघनित होकर हवा में तरल बूंदों का निर्माण करती है जो कुहासे का रूप ले लेती है।

 

रत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में हिमालय से आने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण अगले दो दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम और आसपास के मध्य भारत में न्यूनतम तापमान में दो-चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है।

 

इसके प्रभाव से राजस्थान के उत्तरी भागों में मंगलवार तक शीतलहर से लेकर भीषण शीतलहर की स्थिति बने रहने की संभावना है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले हफ्ते शीत लहर की स्थिति से थोड़ी राहत मिली थी।

 

दिसंबर के उत्तरार्ध को छोड़कर उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में सर्दी अपेक्षाकृत कम रही हैं, जबकि उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत के क्षेत्रों में शीतलहर और घने कोहरे की स्थिति देखी गई थी। मौसम कार्यालय ने उत्तर भारत में कम ठंड की स्थिति के लिए मजबूत पश्चिमी विक्षोभ या अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय मौसम प्रणालियों की कमी को जिम्मेदार ठहराया है, जिससे मैदानी इलाकों में बारिश होती है और अधिक ऊंचाई पर बर्फबारी होती है।

 

इस दिसंबर में सात पश्चिमी विक्षोभ थे, जिनमें से 6 भारत के ऊपर कमजोर थे और केवल एक (28-30 दिसंबर तक) मजबूत था। हालिया अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय मौसम प्रणाली के कारण पिछले तीन दिनों के दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में मौसम की पहली बर्फबारी और वर्षा हुई।

मौसम कार्यालय ने जनवरी और मार्च के बीच उत्तर-पश्चिम भारत में लंबी अवधि के औसत (एलपीए) की सामान्य बारिश से 86 फीसदी कम बारिश का अनुमान लगाया है। जनवरी-फरवरी-मार्च के लिए उत्तर-पश्चिम भारत में वर्षा का एलपीए लगभग 184.3 मिलीमीटर है।

 

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अगर वर्षा कम होने का संकेत मिलता है, तो इसका मतलब है कि पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधि कम होने की संभावना है। जब पश्चिमी विक्षोभ कम होते हैं, तो उत्तर-पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों में उत्तर-पश्चिमी हवाएं चल सकती हैं। 

 

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, दक्षिणी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान कम रह सकता है। महापात्र ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में तापमान सामान्य रहेगा और हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में यह सामान्य से ऊपर रह सकता है। 

  

राजस्थान में शीतलहर का प्रकोप जारी : राजस्थान के कई हिस्सों में शीत लहर का प्रकोप जारी है। सभी प्रमुख शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम रहा।

 

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को बताया कि सीकर के फतेहपुर में एक डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया और यह सबसे सर्द स्थान रहा। इसके बाद चुरू में न्यूनतम तापमान 1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

 

पारा हनुमानगढ़ और चित्तौड़गढ़ में 3.3 डिग्री सेल्सियस, सीकर में 3.5 डिग्री, भीलवाड़ा में चार डिग्री, करौली में 4.2 डिग्री, अलवर और पिलानी में 4.8 डिग्री, डबोक में छह डिग्री, फलोदी में 6.2 और अंता में 6.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। अन्य स्थानों पर न्यूनतम तापमान 6.5 डिग्री से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। राज्य के कई इलाकों में हल्के से मध्यम कोहरा छाया रहा। कुछ स्थानों पर कड़ाके की ठंड पड़ रही है। (इनपुट भाषा)



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