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असम पुलिस ने छेड़ी बाल विवाह के खिलाफ मुहिम, 2044 लोग गिरफ्तार

गुवाहाटी। असम पुलिस ने बाल विवाह के खिलाफ व्यापक मुहिम के तहत शुक्रवार को 2,044 लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में ऐसे विवाह कराने वाले पंडित और मौलवी भी शामिल हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया ऐसे बाल विवाह को अवैध घोषित किया जाएगा। पुलिस ने बाल विवाह के कुल 4,004 मामले दर्ज किए हैं।

 

पुलिस ने कहा उनके पास 8,000 आरोपियों की सूची है और यह अभियान जारी रहेगा। वहीं, महिलाओं ने विभिन्न जिलों में इस कदम का यह कहते हुए विरोध भी किया उनके सामने आजीविका की समस्या होगी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने यहां एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों को बताया राज्यभर में शुक्रवार सुबह से मुहिम शुरू की गई और यह अगले 3 से 4 दिन तक जारी रहेगी।

 

राज्य मंत्रिमंडल ने 23 जनवरी को यह फैसला किया था बाल विवाह के दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा और साथ ही व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। इस घोषणा के एक पखवाड़े से भी कम समय में पुलिस ने बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए हैं।

 

पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने कहा कि हमारे पास 8,000 नामजद अभियुक्तों की सूची है और अभी तक हमने केवल 2,044 लोगों को गिरफ्तार किया है। बाल विवाह के खिलाफ अभियान अगले 3 से 4 दिनों तक जारी रहेगा। शुक्रवार शाम तक विश्वनाथ जिले में सबसे अधिक 137 गिरफ्तारियां की गई हैं, इसके बाद धुबरी में 126, बक्सा में 120, बारपेटा में 114 और कोकराझार में 96 गिरफ्तारियां हुई हैं।

 

राज्यमंत्रिमंडल ने हाल में फैसला किया 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और 14-18 साल की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 2006 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा और विवाह को अवैध घोषित किया जाएगा। अगर लड़के की उम्र भी 14 साल से कम होगी तो उसे सुधार गृह भेजा जाएगा, क्योंकि नाबालिगों को अदालत में पेश नहीं किया जा सकता।

 

शर्मा ने राज्यव्यापी पुलिस कार्रवाई पर पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह की मौजूदगी में सभी पुलिस अधीक्षकों (एसपी) के साथ डिजिटल बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने लोगों से इस कुरीति से मुक्ति के लिए सहयोग एवं समर्थन की अपील की।

 

इस बीच महिलाएं अपने पतियों और बेटों की गिरफ्तारी के विरोध में बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरीं। मजुली जिले की 55 वर्षीय निरोदा डोले ने कहा कि केवल पुरुषों को ही क्यों पकड़ा जा रहा है? हम और हमारे बच्चे कैसे जियेंगे? हमारे पास आय के साधन नहीं हैं।

 

हाल में दर्ज बाल विवाह के 4,004 मामलों में सबसे अधिक धुबरी (370) में दर्ज किए गए हैं। इसके बाद ऐसे मामले होजई (255), उदलगुरी (235), मोरीगांव (224) और कोकराझार (204) में दर्ज किए गए हैं। बराक घाटी के हैलाकांडी जिले में बाल विवाह का सिर्फ 1 मामला दर्ज किया गया जबकि दीमा हसाओ में 24 और कछार में 35 मामले दर्ज किए गए।(भाषा)

 

Edited by: Ravindra Gupta



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