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भूकंप से अब तक 6600 से ज्यादा की मौत, भारत ने बचाव उपकरण, राहत सामग्री, मेडिकल दल के साथ विमान तर्किए भेजे

भारत ने तुर्किये में आए विनाशकारी भूकंप के मद्देनजर इस देश की मदद करने के लिए मंगलवार को दो सी-17 ग्लोबमास्टर सैन्य परिवहन विमानों के जरिये राहत सामग्री, एक ‘चलित अस्पताल’ और तलाश एवं बचाव कार्य करने वाले विशेषज्ञ दल को भेजा। तुर्किये के साथ-साथ सीरिया में भी भूकंप से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। दोनों देशों में भूकंप में 6600 से अधिक लोगों की मौत हुई है।

 

राहत सहायता भेजे जाने के विषय से अवगत लोगों ने बताया कि दो और उड़ानों से मेडिकल आपूर्ति सहित और अधिक राहत सामग्री जल्द ही तुर्किये भेजे जाने की उम्मीद है, जबकि एक विमान सीरिया भेजा जाना है।

 

सोमवार को आए दो शक्तिशाली भूकंप में तुर्किये और सीरिया के विभिन्न हिस्से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। विश्व के कई देशों ने वहां राहत कार्यों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है।

 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि भारत इस चुनौतीपूर्ण क्षण में अपनी एकजुटता व्यक्त करता है।’’

 

जयशंकर ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि उन्होंने एकजुटता व्यक्त करने और भारत के सहयोग से अवगत कराने के लिए सीरिया के अपने समकक्ष फैसल मेकदाद से संपर्क किया।

 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट में कहा कि वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर-3 एनडीआरएफ के दलों और उपकरणों के साथ भारत से तुर्किये के लिए रवाना हुआ। इस मुश्किल घड़ी में भारत, तुर्किये के लोगों के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है। 

 

तलाश एवं बचाव कर्मियों के एक समूह, विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दस्ता, ड्रिल मशीन, राहत सामग्री, दवाइयों के साथ प्रथम सी-17 परिवहन विमान आज सुबह तुर्किये के अदन में उतरा।

 

भारतीय वायुसेना का दूसरा विमान इसी तरह की सामग्री और कर्मियों के साथ दोपहर के करीब तुर्किये के लिए भेजा गया।

 

जयशंकर ने कहा कि एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) के 50 से अधिक तलाश एवं बचाव कर्मियों, विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दस्ते, ड्रिल मशीन, राहत सामग्री, दवाइयां और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ प्रथम भारतीय सी-17 उड़ान अदन, तुर्किये पहुंच गया है। प्रथम एवं दूसरे, दोनों विमानों से एनडीआरएफ के तलाश एवं बचाव कर्मी भेजे गये हैं।

 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट में कहा कि वायुसेना का दूसरा विमान सी-17, ‘श्वान दस्ते, तलाश एवं बचाव उपकरण, मलबा हटाने की मशीन’ सहित एनडीआरएफ के दलों के साथ तुर्किये के लिए रवाना हुआ है। तुर्किये के लोगों की जरूरत के समय भारत उनकी लगातार मदद कर रहा है।

 

विमान में थलसेना के आगरा स्थित फील्ड हॉस्पिटल के 45 सदस्यों का पहला दल भी है। वे तुर्किये में स्थापित किये जाने वाले 30 बिस्तरों वाले फील्ड अस्पताल में सेवा देने वाली टीम का हिस्सा हैं।

 

तुर्किये में 30 बिस्तरों वाला एक चिकित्सा केंद्र संचालित करने के लिए मेडिकल दलों को एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, हृदय की निगरानी करने वाले उपकरणों से लैस किया गया है।

 

थल सेना के एक अधिकारी ने कहा कि सेना ने भूकंप प्रभावित तुर्किये की मदद के लिए 99 सदस्यीय एक मेडिकल टीम बनाई है। 

 

भारत ने एनडीआरएफ के तलाश एवं बचाव दलों, मेडिकल दलों और राहत सामग्री फौरन तुर्किये भेजने का सोमवार को फैसला किया था। तुर्किये को हर संभव मदद देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के बाद यह कदम उठाया गया।

 

इस बीच नई दिल्ली में स्थित तुर्किये के दूतावास ने एक ट्वीट में कहा कि एनडीआरएफ के विशेष तलाश एवं बचाव दलों और प्रशिक्षित श्वान दस्तों के साथ भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप तुर्किये पहुंच गई है। भारत के सहयोग और एकजुटता के लिए धन्यवाद। 

 

वहीं, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने सीरियाई दूतावास का दौरा किया और भूकंप से हुई तबाही को लेकर राजदूत बासम अल खातिब को संवदेना व्यक्त की। तुर्किये के राजदूत फिरत सुनेल ने भारत की सहायता की सराहना की।

 

इसबीच, बेंगलुरु से प्राप्त एक खबर के मुताबिक, कर्नाटक सरकार ने तुर्किये में भूकंप से प्रभावित हुए राज्य के लोगों की सहायता के लिए मंगलवार को एक हेल्पलाइन स्थापित किया।



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