Pune

[Pune][bleft]

Maharashtra

[Maharashtra][bleft]

National

[National][bleft]

International News

[International][bleft]

Editor's picks

[Editor's pick][bleft]

हजारों भक्तों ने किया हनुमान चालीसा का पाठ, श्रीश्री रविशंकर ने बताया भक्ति का नशा सबसे ऊंचा

इंदौर। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक, मानवतावादी, शांति दूत गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर के 3 दिनी प्रवास पर आज इंदौर शहर में आगमन करीब 11 बजे हुआ। हवाईअड्डे पर बड़ी संख्या में आर्ट ऑफ लिविंग के वरिष्ठ प्रशिक्षकों व अनुयायियों ने गुरुदेव का स्वागत उत्साह व जोरशोर से किया।कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायक सुरेश वाडेकर और गौतम दबीर के साथ 51000 लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया।

गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर ने दोपहर 12 बजे अभय प्रशाल में प्रबुद्ध नागरिकों को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में गुरुदेव ने युवाओं व्यापारियों, पेशेवरों और वरिष्ठ लोगों के प्रश्नों के उत्तर चिरपरिचित रोचक अंदाज में दिए। गुरुदेव ने कहा, आज के समय में सबसे बड़ी समस्या नींद की है, लोग बहुत तनाव तथा बेचैनी में हैं, इसलिए अच्छी तरह से सोना भी जरूरी है।

गुरुदेव ने कहा कि मोबाइल के स्क्रीन में टाइम जितना ज्यादा होता है, मस्तिष्‍क उतना ही सिकुड़ता है, इसलिए थोड़ा आंखों को आराम देना चाहिए। उन्होंने अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि आधुनिक विज्ञान और अध्यात्म साथ में चलते हैं, अलग नहीं हो सकते। पहले तत्व ज्ञान करना फिर अध्यात्म में आते हैं।


उन्‍होंने बताया कि धन कमाना गलत नहीं है, पर गलत तरीके से धन सही नहीं है। वरिष्ठजनों से संबंधित प्रश्न के जवाब में उन्‍होंने बताया कि कोई भी मनुष्य उम्र के किसी भी पड़ाव पर नए कार्य शुरू करके जीवन को नई दिशा दे सकते हैं।

कार्यक्रम में भाजपा के महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला, मध्यप्रदेश शासन के मंत्री तुलसी सिलावट अन्य वरिष्ठ नेतागण, धार्मिक संतों ने भी भाग लिया। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायक सुरेश वाडेकर और गौतम दबीर के साथ 51000 लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। हनुमान चालीसा के पाठ के बाद आर्ट ऑफ लिविंग के गौतम दबीर के भजनों से सभी भक्त भावविभोर हुए।

पितृ पर्वत पर गुरुदेव ने कहा कि आज यहां जब हजारों लोगों ने चार बार हनुमान चालीसा का पाठ किया तो यह अद्भुत है और यह एक धार्मिक क्रांति है, इसी धार्मिक क्रांति और आध्यात्मिक क्रांति की इस पावन धरती को आवश्यकता रही है और देश के युवा इस तरह से हनुमान चालीसा के नशे में डूब रहे हैं। यह सभी तरह के नशे से ऊपर है। इस आध्यात्मिक भक्ति का नशा होने पर कुछ भी दूसरा नशा अच्छा नहीं लगता।
Edited By : Chetan Gour 


from समाचार https://ift.tt/k9j0rzs
via IFTTT
Post A Comment
  • Blogger Comment using Blogger
  • Facebook Comment using Facebook
  • Disqus Comment using Disqus

No comments :


Business News

[Business][twocolumns]

Health

[Health][twocolumns]

Technology

[Technology][twocolumns]

Entertainment

[Entertainment][twocolumns]