Pune

[Pune][bleft]

Maharashtra

[Maharashtra][bleft]

National

[National][bleft]

International News

[International][bleft]

Editor's picks

[Editor's pick][bleft]

CA का अच्छा करियर छोड़ लॉन्ड्री का सफल कारोबार करने वाली महिला की कहानी

मोहर सिंह मीणा, बीबीसी हिन्दी के लिए

"विज़िटिंग कार्ड पर सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंट) लिखा है। अक्सर लोग वो देख कर चौंक जाते हैं। एक क्लाइंट ने कहा कि लोग तो मुश्किल से सीए बनते हैं। आपको जो आराम से मिल गया, उसे छोड़ कर आप लॉन्ड्री का काम कर रही हो। तो अब आप सीए यानी 'क्लीनिंग एजेंट' हैं।"

 

ये कहानी है राजस्थान के उदयपुर की 34 साल की अपेक्षा सिंघवी की जिन्होंने पहले ही प्रयास में चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा पास की। 10 साल तक नामचीन संस्थानों में बतौर चार्टर्ड अकाउंटेंट काम किया और फिर साल 2021 में बीस लाख रुपये के पैकेज वाली नौकरी छोड़ कर लॉन्ड्री शुरू की। उनके इस क़दम ने हर किसी को चौंका दिया।

 

लीक से हटकर काम

उदयपुर के भुवाना में एक प्लॉट में बना है उनका लॉन्ड्री प्लांट। इस लॉन्ड्री में आज उदयपुर के लगभग पचास होटल और अन्य जगह से कपड़े धुलने के लिए आते हैं। साल 2021 में इस लॉन्ड्री प्लांट की शुरुआत हुई। ख़ुद का काम करने की ललक में अपेक्षा सिंघवी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट की नौकरी से इस्तीफ़ा दे दिया था।

 

34 साल की अपेक्षा के पति सिद्धार्थ सिंघवी उदयपुर के एक नामी संस्थान में अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। अपेक्षा से पांच साल छोटा उनका भाई भी सीए है। रिश्तेदारी में भी कई सदस्य सीए हैं। ख़ुद का काम करने वाली अपेक्षा अपने ससुराल और पीहर पक्ष से पहली महिला हैं। उन्होंने पहले ही प्रयास में चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) और कंपनी सेक्रेट्री (सीएस) की परीक्षा पास की थी।

 

सीए की परीक्षा में महिला कैटेगरी में पहली रैंक

आत्मविश्वास से भरी अपेक्षा सिंघवी कहती हैं, "साल 2009 नवंबर में सीए फ़ाइनल की परीक्षा दी। सीए इंटर में ऑल इंडिया 28 रैंक हासिल की। जबकि सीएस फ़ाउंडेशन में ऑल इंडिया थर्ड रैंक और महिला कैटगरी में पहली रैंक थी।"

 

वह बताती हैं, "जनवरी 2011 में मैंने वेदांता ग्रुप में पहली नौकरी गोवा से शुरू की। वहां दो साल रही। इसके बाद आठ साल हिंदुस्तान ज़िंक में उदयपुर मुख्यालय और देबारी में नौकरी की। जुलाई 2021 में जब नौकरी से इस्तीफ़ा दिया तब बीस लाख रुपये सालाना पैकेज था।"

 

चार्टर्ड अकाउंटेंट और लॉन्ड्री के काम में आपस में दूर-दूर कोई समानता नहीं है। अपेक्षा के फ़ैसले ने उनके परिवार, परिचितों और मित्रों को चौंका दिया था। लगभग दो साल में लॉन्ड्री के काम को बढ़ा कर अपेक्षा ने ख़ुद के फ़ैसले को सही साबित कर दिया है।

 

लॉन्ड्री में कैसे होता है काम

उदयपुर के भुवाना में ये लॉन्ड्री बनाई गई है। लॉन्ड्री में आठ महिलाओं समेत तीस कर्मचारी दो शिफ़्ट में काम करते हैं। महिलाएं दिन में ही काम करती हैं। अपेक्षा ने अपनी इस लॉन्ड्री को 'सुविधा लॉन्ड्री सर्विस' नाम दिया है।

 

लॉन्ड्री में होटल और अन्य जगहों से कपड़े लाने-ले जाने के लिए दो गाड़ियां हैं। होटल से पर्दे, बेडशीट, टॉवेल, कर्मचारियों के कपड़े आदि धुलने के लिए आते हैं।
 

कपड़ों को देखा जाता है, उनके दाग़ हटाए जाते हैं। कपड़ों को धोने के लिए तीन बड़ी मशीनें हैं। ऑर्डर के अनुसार कपड़ों को प्रेस, स्टीम प्रेस, ड्राइक्लीन किया जाता है। उनको फ़ोल्ड और पैक किया जाता है और फिर डिलीवर कर दिया जाता है।

 

अपेक्षा कहती हैं, "लॉन्ड्री के काम में सबसे ज़रूरी है क्वॉलिटी और कपड़ों की ऑनटाइम डिलीवरी, क्योंकि होटल संचालकों को भी मेहमानों के लिए रूम तैयार करने होते हैं।"

 

ख़ुद करती हैं मार्केटिंग

अपने एक्सपीरिएंस के बारे में अपेक्षा कहती हैं, "अच्छा अनुभव बताऊं तो लोगों ने इस काम को सराहा भी है। कुछ क्लाइंट्स ने काम देते हुए कहा कि आप महिला हैं, आपकी लॉन्ड्री में महिलाएं भी काम करती हैं, इसलिए आपको काम दे रहे हैं। क्योंकि महिलाएं ज़्यादा डेडिकेशन के साथ काम करती हैं।"

 

हालांकि सारे अनुभव अच्छे ही नहीं थे। कुछ लोगों ने काम देने से इनकार भी किया। अपेक्षा बताती हैं, "कई लोगों ने इसलिए भी काम देने से इनकार किया कि आपको लॉन्ड्री का कोई अनुभव नहीं है।"

 

अपेक्षा सिंघवी का साढ़े चार साल का एक बेटा है। वह घर पर मां की ज़िम्मेदारी निभाती हैं और लॉन्ड्री के काम के लिए भी पूरा समय देती हैं। वह मुस्कुराते हुए कहती हैं, "जब कोई नया क्लाइंट जुड़ता है तो परिवार को बेहद ख़ुशी होती है। जिस कंपनी में बड़े ओहदे पर नौकरी की लोगों की ख़्वाहिश होती है, उसे छोड़ कर मैंने अपने अपने फ़ैसले को सही साबित किया है।"

 

लॉन्ड्री में तीस कर्मचारी दो शिफ़्ट में चौबीस घंटे काम करते हैं। इन कर्मचारियों में आठ महिलाएं हैं। अपेक्षा बताती हैं, "शुरुआत में पांच ही क्लाइंट थे। लेकिन, आज उदयपुर के पचास होटल हमारे क्लाइंट हैं। मैं लगातार नए क्लाइंट जोड़ने के लिए उदयपुर के होटल्स में विज़िट करती हूं।"

 

वहां काम करने वाली कर्मचारी विजया कहती हैं, "मैं बीते छह साल से लॉन्ड्री में काम करती आ रही हूं। यहां डेढ़ साल से हूं। हमें अच्छा लगता है कि एक महिला होकर वो लॉन्ड्री का काम कर रही हैं। इससे और भी महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी।"

 

परिवार का मिला सपोर्ट

चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रोफ़ेशन छोड़ कर बिलकुल अलग काम करना परिवार में लगभग सभी को अजीब लगा। सबका कहना था कि अच्छी नौकरी छोड़कर इतना बड़ा क़दम क्यों उठा रही हो।

 

अपेक्षा कहती हैं, "माता-पिता को लगा कि बच्चों को इतना पढ़ाया-लिखाया, लायक बनाया। लेकिन मैंने नौकरी छोड़कर ऐसा काम शुरू किया जिसमें सफल होने की कोई गारंटी नहीं थी। लेकिन आख़िरकार सभी ने सपोर्ट किया।"

 

अपेक्षा के पति सिद्धार्थ सिंघवी कहते हैं, "अपेक्षा ने एक दिन कहा कि उन्हें नौकरी छोड़ कर अपना काम करना है। उदयपुर में काफ़ी पर्यटक आते हैं, यहां होटल भी बहुत हैं। इसलिए लॉन्ड्री के काम को अच्छी तरह किया जाए तो कामयाबी मिल सकती है।"

 

"लोग बहुत हैरान हुए कि अच्छी जॉब छोड़ कर लॉन्ड्री का काम कर रही है। लेकिन समय बीतने के साथ सबका नज़रिया बदलता गया।"

 

अपेक्षा कहती हैं, "मैं लॉन्ड्री के काम से बाहर जाती थी तो बच्चों को संभालने में घर वाले मदद करते थे। परिवार का सपोर्ट नहीं होता तो यह काम कर पाना मुश्किल हो जाता।"

 

फिर हंसते हुए कहती हैं, "मेरा छोटा भाई भी सीए है। मैं बड़ी हूं तो उसके लिए आदर्श हूं। लेकिन अब माता-पिता को लगता है कि कहीं वो भी नौकरी छोड़ कर अपना काम न करने लगे।"



from मुख्य ख़बरें https://ift.tt/WFEOTjA
via IFTTT
Post A Comment
  • Blogger Comment using Blogger
  • Facebook Comment using Facebook
  • Disqus Comment using Disqus

No comments :


Business News

[Business][twocolumns]

Health

[Health][twocolumns]

Technology

[Technology][twocolumns]

Entertainment

[Entertainment][twocolumns]