कर्नाटक हाई कोर्ट ने खारिज की बेंगलुरु दंगे के आरोपी की याचिका, दिया आतंकवादी कृत्य करार
न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने मामले में आरोपी मोहम्मद शरीफ की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उसके खिलाफ प्रथम दृष्ट्या मामला बनता है। उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या इस बात के सबूत हैं कि आरोपी ने आतंकवादी कृत्य को अंजाम दिया।
उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता या अन्य लोगों के खिलाफ देश के इस क्षेत्र में लोगों की सुरक्षा को भंग करने के इरादे से वाहनों को विस्फोटक पदार्थ या ज्वलनशील पदार्थ से जलाने, नुकसान पहुंचाने या सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने अथवा नष्ट करने के लिए ज्वलनशील उपकरणों के इस्तेमाल के आरोप हैं इसलिए प्रथम दृष्ट्या यह अदालत इस घटना को अधिनियम की धारा 15 के तहत विचारणीय मानती है।
मोहम्मद शरीफ ने अपने खिलाफ आरोपों को लेकर बेंगलुरु में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के विशेष न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था। उसने दावा किया कि यूएपीए के तहत ऐसा कोई अपराध नहीं है जिसके लिए उस पर आरोप लगाया जा सके। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि प्रथम दृष्ट्या यह पता चलता है कि आरोपी के खिलाफ मामला बनता है।
11 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक कथित भड़काऊ पोस्ट को लेकर बेंगलुरु में हिंसा भड़क गई थी। सोशल मीडिया पोस्ट से भड़के सैकड़ों लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया था और डीजे हल्ली-केजे हल्ली पुलिस थाने में आग लगा दी थी। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठियां चलाईं, आंसू गैस के गोले छोड़े और बाद में गोलियां चलाईं जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई थी।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta
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