शरद पवार के बयान से महाराष्ट्र में मची सियासी खलबली, क्या महाविकास अघाड़ी से होंगे अलग?
सीट आवंटन, और कोई मसला है या नहीं, इन सब पर अभी बात नहीं हुई है, तो मैं आपको कैसे बता सकता हूं। पवार ने स्पष्ट किया कि वंचित बहुजन अघाड़ी प्रमुख प्रकाश आंबेडकर के साथ बैठक के दौरान, आंबेडकर के नेतृत्व वाले संगठन के एमवीए में शामिल होने के मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि हमारी बातचीत केवल कर्नाटक विधानसभा चुनाव की कुछ सीटों को लेकर थी।
मराठी समाचार चैनल एबीपी माझा ने सोमवार को पवार अनौपचारिक रूप से यह कहते हुए उद्धृत किया कि उन्होंने एमवीए पर टिप्पणी की क्योंकि एमवीए घटकों के बीच सीट वितरण पर कोई स्पष्टता नहीं है, और इसमें कुछ और नहीं समझा जाना चाहिए। चैनल ने एनसीपी सूत्रों के हवाले से यह भी कहा कि पवार एमवीए की 'वज्रमुठ' (लोहे की मुट्ठी) रैलियों में शामिल नहीं होंगे।
राकांपा नेता और उनके भतीजे अजित पवार के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच पवार की यह टिप्पणी आई है। अजीत पवार ने कहा है कि वे अपनी आखिरी सांस तक एनसीपी नहीं छोड़ेंगे, लेकिन उनके स्पष्टीकरण से अटकलों को खत्म करने में खासी मदद नहीं मिली।
2024 के चुनावों से पहले एमवीए एकता पर शरद पवार की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को कहा कि पवार एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं। जब वे कोई बयान देते हैं तो उसका महत्व होता है और वे जो भी कहते हैं उसे गंभीरता से लेना होता है।
राउत ने यह भी दावा किया कि पर्दे के पीछे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बदलने की गतिविधियां चल रही हैं कि क्योंकि शिंदे वे हासिल करने में विफल रहे हैं जो भाजपा चाहती थी। राउत ने कहा कि वे (भाजपा) हमारी (उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली) सरकार को गिराना चाहते थे, इसलिए उनका (शिंदे का) इस्तेमाल किया गया। अब उनका मकसद पूरा हो गया है, इसलिए जल्द ही शिंदे को बदल दिया जाएगा। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि कांग्रेस उन लोगों के साथ आगे बढ़ेगी, जो एमवीए गठबंधन में रहेंगे।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta
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