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नुक्कड़ नाटक द्वारा माहवारी स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता

आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित 'उजास' परियोजना की पहल;

अद्वैतशा बिड़ला की पहल


पुणे : मासिक धर्म से जुड़े कलंक को मिटाने और मासिक धर्म के स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में खुली बातचीत के बारे में जागरूकता करने वाले एक नुक्कड़ नाटक को प्रस्तुत किया गया। हाल ही में विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया गया. इस मौके पर आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट के सामाजिक उद्यम 'उजास' ने पुणे में एक प्रभावशाली नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया।

'ब्रेकिंग द साइलेंस: लेट्स नॉर्मलाइज पीरियड्स' शीर्षक वाले इस नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन पिंपरी और पुणे शहर में छह जगहो पर किया गया। पिंपरी के आदित्य बिड़ला अस्पताल के परिसर में इसकी शुरवात की गई। 'साद प्ले ग्रुप' ने शहर में आदित्य बिड़ला मेमोरियल अस्पताल, महिला आर्थिक विकास निगम के स्वयं सहायता समूह, स्वारगेट बस डिपो, जंगली महाराज रोड, डी. वाई पाटिल विश्वविद्यालय जैसे विभिन्न स्थानों पर इस नुक्कड़ नाटकों का प्रदर्शन किया। छात्रों, डॉक्टरों और विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित लोगों ने नुक्कड़ नाटक प्रदर्शन का अनुभव किया।

नुक्कड़ नाटकों के साथ-साथ 'उजास' पुरे साल जागरूकता करने के लिए भित्ति चित्र, नेत्रहीनों के लिए कार्यशाला जैसी गतिविधियों का आयोजन करता रहा है। मासिक धर्म स्वास्थ्य का महत्त्व, उचित स्वच्छता प्रथाओं और प्रचलित गलत धारणाओं को दूर कर महिलाओं और पुरुष दोनों को शिक्षित और सशक्त बनाना इस नुक्कड़ नाटक का उद्देश्य था। उजास को दृढ़ विश्वास है कि मासिक धर्म के बारे में खुली चर्चा को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के प्रभावशाली नाटकों का आयोजन महत्वपूर्ण है।

नुक्कड़ नाटक के प्रभाव के बारे में बात करते हुए, सामाजिक कार्यकर्ता, 'उजास' के संस्थापक अद्वैतेश बिड़ला ने कहा, "नुक्कड़ नाटक एक ऐसी कला है जो दिल को मोह लेती है और मन को मुक्त करती है। समाज को जागृत कर मुक्त संचार को प्रोत्साहित करना ही हमारा उद्देश्य है। इससे ही इस संबंध में बदलाव होंगे।


नुक्कड़ नाटक के माध्यम से, समुदाय से मासिक धर्म के बारे में गलत धारणाओं को दूर कर, मासिक धर्म के स्वास्थ्य को जीवन के एक प्राकृतिक पहलू के रूप में स्वीकार करने की प्रक्रिया में भाग लेने की अपील करते है।

'उजास' पुणे की प्रमुख परवीन शेख ने कहा, "अब तक 2070 मार्गदर्शन सत्र आयोजित किए जा चुके हैं। 13 अलग-अलग जगहों पर 378 स्कूलों में 8 लाख 15 हजार 998 सेनेटरी पैड बांटे जा चुके हैं। मासिक धर्म को लेकर अस्पृश्यता, गलतफहमी और अंधविश्वास को दूर कर खुली चर्चा को बढ़ावा देने की जरूरत है, ऐसा विश्वास 'उजास' ने जताया है। इस पहल के माध्यम से, मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर पुणे के कम से कम 10,000 व्यक्तियों तक पहुंचना और उन्हें खुली चर्चा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना ही हमारा प्रयास है।"

उजस के बारे में

'उजास' आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट की एक सामाजिक पहल है। मासिक धर्म के बारे में गलत धारणाओं को कम करके और किशोर लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रबंधन प्रथाओं को अपनाने के लिए सशक्त बनाकर भारत में मासिक धर्म स्वास्थ्य पर एक सकारात्मक और स्थायी प्रभाव पैदा करना इस पहल का उद्द्येश है। 

'उजास' के माध्यम से मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने का अभियान चलाया जाता है। वितरण चैनलों और जागरूकता अभियानों के माध्यम से इस परिवर्तन की विरासत को आगे बढ़ाने का काम चल रहा है। मासिक धर्म स्वास्थ्य सबसे प्रमुख लेकिन सबसे कम प्राथमिकता वाले समस्याओं में से एक है, जिसे दुर्भाग्य से एक सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती और प्रगतिशील राष्ट्र निर्माण के लिए एक बाधा के रूप में देखने के बजाय एक महिला की समस्या के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

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