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मणिपुर हिंसा पर एक्शन में गृह मंत्रालय, सेना की हुई तैनाती, 9000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया

  • गृहमंत्री शाह ने पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से की बात
  • 9000 से अधिक लोगों को किया विस्थापित
  • मणिपुर में सेना की हुई तैनाती

Amit Shah

Manipur Violence : मणिपुर (Manipur) में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बीच गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) भी एक्शन में आ गया। गुरुवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मणिपुर के पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 'कॉलम' को तैनात किया गया है। हिंसा के कारण 9000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं।

खबरों के अनुसार, गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि केन्द्र मणिपुर की स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है और आसपास के राज्यों से अर्द्धसैनिक बल भेजे जा रहे हैं। गृहमंत्री ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों और केंद्रीय अधिकारियों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठकें कर हालात की समीक्षा की।

सूत्रों के मुताबिक, शाह ने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से फोन पर बात की। मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गुरुवार को राज्य सरकार ने गंभीर स्थिति में देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया।

गुरुवार सुबह शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के साथ बातचीत की, जिन्होंने गृहमंत्री को राज्य में मौजूदा स्थिति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि गृहमंत्री ने स्थिति की समीक्षा के लिए दो वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठकें भी कीं, जिसमें मणिपुर के मुख्यमंत्री, राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख, केंद्रीय गृह सचिव और केंद्र सरकार के अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।

Manipur violence


वहीं स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 ‘कॉलम’ को तैनात किया गया है। हिंसा के कारण 9000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं। नगा और कुकी आदिवासियों द्वारा ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद बुधवार को हिंसा भड़क गई, जिसने रात में और गंभीर रूप ले लिया।

मणिपुर में हालात सामान्य करने के लिए भारतीय वायुसेना की मदद भी ली जा रही है। गुवाहाटी और तेजपुर से गुरुवार रात को अतिरिक्त सेना के कॉलम भारतीय वायुसेना के विमानों के जरिए मणिपुर लाए जाएंगे। नागालैंड से अतिरिक्त कॉलम भी तैनात किए गए हैं। अब मोरेह और कांगपोकपी में स्थिति स्थिर और नियंत्रण में है, जबकि इंफाल और चुराचंदपुर में हालात को सामान्य करने के लिए सभी प्रयास जारी हैं।

सूत्रों के मुताबिक, मणिपुर में सुरक्षाबलों की बड़ी तैनाती हो रही है सेना के साथ बीएसएफ, सीआरपीएफ और असम राइफल्स की कई कंपनियों को राज्य में तैनात किया गया है। शुक्रवार को भी सुरक्षाबलों की और तैनाती की जाएगी। सीआरपीएफ की सबसे ज्यादा तैनाती पहाड़ी राज्य में की जा रही है।

राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई थी।
Edited By : Chetan Gour (एजेंसियां)


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