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पुणे में वरकरियों पर लाठीचार्ज नहीं हुआ, डिप्टी CM बोले- विपक्ष नहीं करे राजनीति; जानें पूरा मामला

Pune Alandi Warkaris Lathicharge: महाराष्ट्र के पुणे जिले में पुलिस और भगवान विट्ठल के भक्तों यानी वरकरियों के बीच झड़प का मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। महाविकास आघाडी (MVA) के तमाम नेता वरकरियों पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाते हुए शिंदे-फडणवीस सरकार को घेर रहे है। जबकि महाराष्ट्र सरकार विपक्ष के आरोपों को नकार रही है। पुलिस ने भी कहा कि वरकरियों के जुलूस के दौरान केवल बहस हुई और हलका धक्का-मुक्की हुई, लेकिन लाठीचार्ज की कोई घटना नहीं हुई है।

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आलंदी कस्बे में पुलिस द्वारा वरकरियों पर लाठीचार्ज की खबरों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि केवल मामूली हाथापाई हुई थी। फडणवीस ने नागपुर में पत्रकारों से कहा, ‘‘वरकरी समुदाय पर कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ है। हमने पिछले आलंदी में हुए भगदड़ जैसी स्थिति से सबक लिया और अलग-अलग समूहों को प्रवेश पास देने की कोशिश की। तीर्थयात्रा में शामिल होने वाले प्रत्येक समूह को 75 पास जारी करने का फैसला किया गया।“ यह भी पढ़े-NCP: परिवारवाद के आरोपों पर सुप्रिया सुले बोलीं- मेरा काम भी देखिये... अजित पवार मेरे नेता हैं


पुलिसकर्मी भी घायल हुए

उन्होंने कहा, “तीर्थयात्रा में लगभग 400-500 युवाओं ने जबरन घुसने की कोशिश की और प्रवेश के लिए तय नियम का अनुपालन नहीं किया। उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ दिए और जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो ऐसी स्थिती बनी। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए है।“

फडणवीस की विपक्ष को नसीहत

फडणवीस ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में हैं। मैंने घटना का गंभीरता से संज्ञान लिया है और उचित कदम उठाने के निर्देश दिए है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘मैं राजनीतिक दलों से इस मामले को लेकर राजनीति नहीं करने की अपील करता हूं। वरकरी समुदाय और लोगों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है। इस मामले को लेकर पुलिस को समाधान निकालने का निर्देश दिया गया है।’’

उधर, एनसीपी, कांग्रेस और उद्धव गुट की शिवसेना का दावा है कि पुलिस ने वरकरियों पर लाठचार्ज किया है। विपक्ष ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।


इस वजह से हुई झड़प?

पुलिस के मुताबिक, यह घटना तब हुई जब जब पुणे शहर से 22 किलोमीटर दूर आलंदी शहर में भक्त संत ज्ञानेश्वर महाराज समाधि मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। दरअसल यहां पंढरपुर के लिए वार्षिक अषाढ़ी एकादशी यात्रा शुरू करने के अवसर पर पालखी निकाली जा रही थी। इसमें पुलिस ने एक बार में 75 लोगों के जत्थे को मंदिर में भेजने का नियम बनाया था, लेकिन कई भक्त इससे मानने से इनकार करते हुए बरिकेड्स तोड़कर मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो कहासुनी और धक्का-मुक्की शुरू हुई।



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