स्कूली पाठ्यक्रम में 'गुड टच बैड टच' को समाविष्ट करने की जरुरत
अभिनेत्री तनिशा मुखर्जी की अपेक्षा; ग्रैविटास फाऊंडेशन द्वारा यौन शोषण रोखने जागृती
ग्रॅव्हिट्स फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे 'गुड टच बैड टच' उपक्रम के बारे में तनिषा मुखर्जी ने बुधवार को पुणे में पत्रकारों से बातचीत की। इस समय फाउंडेशन की अध्यक्षा उषा काकडे उपस्थित थी। स्कूलों में यह उपक्रम चलाकर बच्चों में स्पर्श ज्ञान जागृत करने का महत्वपूर्ण काम शुरू है। मुखर्जी ने उषा काकडे व फाउंडेशन के कार्य की सराहना की। काकडे ने ग्रैविटास फाउंडेशन एवं 'गुड टच बैड टच' उपक्रम की रिपोर्ट की पुस्तक देकर मुखर्जी का स्वागत किया।
तनिशा मुखर्जी ने कहा, "बच्चों और महिलाओं पर हो रही हिंसा की घटनाएं दुखद हैं। इन अत्याचारों को रोकने के लिए कानून प्रवर्तन के साथ-साथ समाज में जागरूकता बढ़ाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अक्सर ऐसी घटनाओं को दबाने की कोशिश की जाती है। लेकिन बच्चे कभी झूठ नहीं बोलते। इसलिए अभिभावकों, शिक्षकों को बच्चों से नियमित संवाद करना चाहिए और उनकी बात सुननी चाहिए।
खुला संवाद बनाए रखना चाहिए। अपने शरीर अपना अधिकार होता है, इसलिए हमें उस स्पर्श पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए जो हमें पसंद नहीं है। हम जिस पर विश्वास कर सकते है, ऐसे व्यक्ति को इस बारे में बताना चाहिए। इस उपक्रम में मैं खुद शामिल होनेवाली हूं। आने वाले समय में गुड टच बैड टच के बारे में जागृत करने का मेरा प्रयास रहेगा।"
उषा काकडे ने कहा, "दिल्ली में हुए निर्भया केस के बाद सामाजिक जागृती से हमने यह उपक्रम शुरू किया। प्रारंभ में स्कूलों, अभिभावकों की ओर से कुछ अस्वीकृति थी। लेकिन बाद में ये पहल काफी सफल रही। ग्रैविटास फाउंडेशन द्वारा पुणे के विभिन्न स्कूलों में यह पहल चल रही है और आज के तारीख में लगभग साढ़ेचार लाख से ज्यादा छात्रों को अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में जागृत किया है।
प्रशिक्षित लोगों की टीम इसमें काम कर रही। इससे अनेक घटनाओं से पर्दा उठ रहा है। साथ ही कुछ प्रबंधन करने में मदद भी हो रही। जागृति के लिए हमने 'उड़ने दो' यह शॉर्ट फिल्म बनाई है. 'गुड टच बॅड टच' उपक्रम को देशव्यापी बनाने के लिए हम सरकार से यह उपक्रम बड़े पैमाने पे करने की मांग कर रहे है."
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