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Prabhasakshi NewsRoom: UAE Deputy PM ने Bharat के नक्शे में पूरे Jammu-Kashmir को दिखाया, भड़क गया Pakistan

भारत और सऊदी अरब के रिश्ते प्रगाढ़ होने के चलते परेशान चल रहे पाकिस्तान की दिक्कत संयुक्त अरब अमीरात ने और बढ़ा दी है। दरअसल भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे को लेकर जो हाल में समझौता हुआ था उस संदर्भ में यूएई के उप प्रधानमंत्री सैफ बिन जायद अल नाहयान ने एक फोटो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। इस फोटो में संपूर्ण केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को भारत के हिस्से के रूप में दिखाया गया है। इसमें पीओके और अक्साई चिन का हिस्सा भी शामिल है जिसे भारत के क्षेत्र में दिखाया गया है। इस फोटो को देखकर पाकिस्तान के साथ ही चीन के भी होश उड़ गये हैं क्योंकि यह माना जा रहा रहा है कि इस्लामी देश अब कश्मीर के मुद्दे पर भारत के साथ खड़े हैं। इस्लामिक देशों ने कश्मीर के मुद्दे पर पूर्व में भले पाकिस्तान का साथ दिया हो लेकिन अब यूएई के उप प्रधानमंत्री ने जो वीडियो शेयर किया है उससे इस्लामी देशों के बदलते रुख का संकेत मिलता है। बताया जा रहा है कि यह फोटो उस वीडियो से लिया गया है जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा के बाद शेयर किया था। यह फोटो उस रूट को दर्शा रहा है जिससे भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा गुजरेगा।

इस पोस्ट को देखकर पाकिस्तान भड़क गया है और उसने सीधा हमला बोलने से बचते हुए कहा है कि पूरे जम्मू-कश्मीर को भारत में दिखाने का मानचित्र जारी करना तथ्यात्मक रूप से गलत है। पाकिस्तान ने यहां तक दावा कर दिया है कि इस क्षेत्र को संयुक्त राष्ट्र भी विवादित मानता है। हम आपको यह भी बता दें कि यूएई के उप प्रधानमंत्री का यह पोस्ट ऐसे समय आया है जब पीओके में प्रदर्शन हो रहे हैं और क्षेत्र के भारत में विलय की माँग बलवती हो रही है। हम आपको यह भी बता दें कि सऊदी अरब के युवराज की भारत यात्रा भी पाकिस्तान को नागवार गुजरी थी। पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर लोग अपनी सरकार को कोसते हुए कह रहे थे कि उसकी नाकामी की वजह से हमारा मुस्लिम ब्रदर नेशन हमसे दूर हो गया है।

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: आखिर कैसे India-Middle East-Europe Economic Corridor से वैश्विक कारोबार को भारी बढ़ावा मिलेगा?

कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की बेचैनी तब भी देखने को मिली थी जब जी20 पर्यटन समूह की बैठक श्रीनगर में हुई थी। तब पाकिस्तान ने नकारात्मकता फैलाने के लिए कई देशों को चिट्ठी लिखकर भारत के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप लगाये थे। लेकिन कश्मीर में भी जी20 पर्यटन समूह की बैठक सफल रही थी और दिल्ली में हुआ शिखर सम्मेलन भी अभूतपूर्व सफलता प्राप्त करने में सफल रहा था। दिल्ली में शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद सऊदी अरब ने कहा था कि पूरे विश्व ने सबसे सफल जी20 शिखर सम्मेलन को देखा और अतीत में कभी भी बैठक के पहले ही दिन सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई थी। इसके अलावा, सम्मेलन के दौरान भारत और यूएई ने राष्ट्रों से अन्य देशों के खिलाफ आतंकवाद के इस्तेमाल को खारिज करने का आह्वान किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान की सह-अध्यक्षता में भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए हैं कि किसी भी कारण से आतंक के किसी भी कृत्य को उचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने आतंकवाद को किसी विशेष जाति, धर्म या संस्कृति से जोड़ने के किसी भी प्रयास को खारिज किया।’’ 

जहां तक कश्मीर के बारे में अरब देशों के बदले रुख की बात है तो आपको यह भी बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात कश्मीर में निवेश की घोषणा कर चुका है। पिछले दिनों दुबई स्थित यूएई की रियल एस्टेट कंपनी एम्मार ने श्रीनगर में 10 लाख वर्ग फुट में फैले मेगा-मॉल में निवेश की घोषणा की थी। 


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