शिवसेना विधायकों की किस्मत का फैसला आज, 34 याचिकाओं पर स्पीकर सुनाएंगे ऐतिहासिक निर्णय
Uddhav Thackeray Vs Eknath shinde: महाराष्ट्र की राजनीति के लिए आज का दिन ऐतिहासिक हो सकता है। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले के नतीजे की घोषणा करेंगे। इस बीच नतीजों से पहले सुबह 10 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। नतीजों से पहले सियासी हलचल भी बढ़ गयी है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उनके 'वर्षा' आवास पर जाकर मुलाकात की है। साथ ही राज्य की नई पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला भी सीएम आवास पर पहुंची।
शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले पर फैसला आने में कुछ ही घंटे बचे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) राहुल नार्वेकर शाम 4 बजे से नतीजे पढ़ना शुरू करेंगे। यह फैसला छह हिस्सों में होगा और इसमें कुल 34 याचिकाएं पर फैसला सुनाया जाएगा। यह भी पढ़े-शिवसेना विधायकों पर फैसले से पहले सुप्रीम कोर्ट पहुंचा उद्धव गुट, स्पीकर के खिलाफ दी ये अर्जी
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा, ''शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले की सुनवाई पूरी हो गई है। हम इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई पूरी कर रहे हैं। इस मामले में कुल 34 याचिकाएं दायर की गईं। दो से ढाई लाख पन्ने छानने पड़े और 500 पेज का रिजल्ट तैयार है।“
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने पिछले साल मई में नार्वेकर को शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिकाओं पर जल्द फैसला लेने का निर्देश दिया था। शीर्ष कोर्ट के आदेश पर आज नार्वेकर मुख्यमंत्री शिंदे और अन्य शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएंगे। नार्वेकर के निवेदन पर पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों, उद्धव गुट और शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली एक-दूसरे की याचिकाओं पर फैसला करने की समय सीमा 10 जनवरी तक बढ़ा दी थी।
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने 14 सितंबर से 20 दिसंबर तक मैराथन सुनवाई की। सुनवाई के दौरान दोनों गुटों के शिवसेना विधायकों ने जोरदार दलीलें दीं। बताया जा रहा है कि करीब 500 पेज के नतीजे तैयार है। इसके चलते बुधवार को साफ हो जाएगा कि शिवसेना के किस गुट के कितने विधायक अयोग्य ठहराए जाएंगे।
मालूम हो कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के अधिकांश विधायकों के जून 2022 में बगावत का बिगुल फूंका और भगवा पार्टी दो धड़ों में बंट गई। इसके चलते उद्धव ठाकरे नीत तत्कालीन महाराष्ट्र विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। इसके बाद 30 जून 2022 को एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने।
शिवसेना के शिंदे और ठाकरे गुटों ने दलबदल रोधी कानूनों के तहत एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए स्पीकर के समक्ष याचिकाएं दायर की है। पिछले साल चुनाव आयोग ने शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'शिवसेना' नाम और 'धनुष-बाण' चुनाव चिह्न दिया, जबकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को चुनाव चिह्न के रूप में जलती मशाल के साथ शिवसेना (यूबीटी) नाम दिया।
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