दुनिया के एक अरब से ज्यादा लोगों में मोटापे की समस्या
लंदन. दुनियाभर में मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों की आबादी एक अरब से ज्यादा हो गई है। इसमें वयस्क और बुजुर्गों के साथ बच्चे भी शामिल हैं। मोटापे के बढ़ते जोखिमों को लेकर किए गए शोध में यह खुलासा हुआ है। द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित शोध रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर के बच्चों-किशोरों में 1990 के मुकाबले 2022 (यानी तीन दशक) में मोटापे की दर चार गुना बढ़ गई। वयस्क आबादी में महिलाओं में मोटापे की दर दोगुनी और पुरुषों में तीन गुना से ज्यादा हो गई।
शोधकर्ताओं ने चिंता जताते हुए कहा कि दुनिया में जिस तरह सभी उम्र के लोगों में मोटापे की समस्या बढ़ रही है, उससे भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा है। लोगों को अपना वजन कंट्रोल करने के उपाय करने चाहिए। ज्यादा वजन या मोटापे को कई तरह की क्रोनिक बीमारियों का कारक माना जाता है। शोध के मुताबिक ज्यादा वजन वालों में डायबिटीज, हृदय रोग और हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा हो सकता है।
15.9 करोड़ बच्चों-किशोरों पर भी खतरा
रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में 15.9 करोड़ बच्चे-किशोर और 87.9 करोड़ वयस्क मोटापे के शिकार पाए गए। बच्चों के साथ बुजुर्गों में भी यह समस्या बढ़ी है। इसके अलावा तीन दशक में कम वजन से प्रभावित बच्चों और किशोरों का अनुपात लड़कियों में करीब पांच फीसदी और लडक़ों में एक तिहाई से कम हो गया। इस अवधि में कम वजन वाले वयस्कों का अनुपात भी 50 फीसदी से ज्यादा कम हुआ है।
कुपोषण की चपेट में भी करोड़ों लोग
लंदन के इंपीरियल कॉलेज के प्रोफेसर और शोध के लेखक माजिद इज्जती का कहना है कि यह चिंताजनक है कि मोटापे की समस्या 1990 में दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में वयस्कों में ज्यादा देखी जा रही थी, अब स्कूल जाने वाले बच्चों और किशोरों में भी बढ़ रही है। दूसरी तरफ दुनिया के सबसे गरीब हिस्सों मे करोड़ों लोग अब भी कुपोषण से प्रभावित हैं।
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