मानसून के दौरान इस मोड में चलाएं AC, बढ़ जाएगी कूलिंग और खत्म होगी उमस
मानसून का मौसम देश के हर कोने-कोने में देखने को मिल रहा है। बारिश होने से गर्मी से काफी राहत तो मिल गई है लेकिन इससे उमस और चिपचिपाहट की समस्या काफी बढ़ गई है। वहीं कूलर और पंखे उमस गर्मी में तो थोड़ी राहत दे देते हैं लेकिन उमस को हटाने के लिए यह नाकाम रहते हैं। एसी गर्मी से साथ ही मानसून के मौसम में बड़ी मदद करते हैं। बरसात के मौसम में उमस भरी गर्मी के लिए एयर कंडीशनर सबसे बेहतर ऑप्शन है। मानसून के सीजन में एसी की सेटिंग में कुछ बदलाव करने से उमस और चिपचिपाहट को रूम से दूर सकते हैं। वहीं आप एसी को मई जून वाली सेटिंग में चलाते हैं तो यह ठीक से कूलिंग नहीं देगा और रूम में उमस भी बढ़ जाएगी।
बारिश में इस मोड में चलाएं AC
आजकल जितने भी एसी मार्केट में मौजूद हैं उनमें ज्यादातर नई टेक्नोलॉजी पर कार कर रहे हैं। अलग-अगल मौसम के हिसाब से स्प्लिट एसी और विंडो एसी दोनों में ही अलग-अलग मोड्स भी दिए जाते हैं। मौसम के हिसाब से आप एसी के अलग-अलग मोड्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे काम करता है AC का ड्राई मोड
बता दें कि जब आप सी में ड्राई मोड सेलेक्ट करते हैं तो AC का कूलिंग कॉइल ठंडा हो जाता है। इसके ऑन होते ही बाद रूम की हवा इस कॉइल से होकर जाती है। जैसे ही हवा की नमी इस ठंडे कॉइल के संपर्क में आती है तो यह पानी की बूंदों में कंन्वर्ट हो जाती है और ड्रेनेज पाइप के जरिए यह बाहर निकल जाती है। इस तरह से एसी आपके रूम से नमी को पूरी तरह से खत्म कर देती है।
दरअसल, हवा में मौजूद नमी इस ठंडे कॉइल के कांटेक्ट में आती है जो वो Water Vapour ठंडा होकर पानी की बूंदों में चेंज हो जाता है। यही पानी फिर ड्रेनेज पाइप से होकर बाहर निकल जाता है और रूम में नमी न के बराबर रह जाती है। इसके बाद ठंडी ठंडी हवा फील रुम में होता है। आपको बता दें कि एसी के ड्राई मोड में आपको कूलिंग बढ़ाने की भी जरूरत नहीं पड़ती। वहीं आप बरसात में मौसम में ड्राई मोड के साथ 26 डिग्री तापमान पर भी एसी को चलाते हैं तो भी आपको अच्छी खासी कूलिंग मिलेगी।
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