TRAI का बड़ा फैसला, बदल जाएंगे पूरे देश के लैंडलाइन नंबर
ट्राई ने न्यूनतम व्यवधान के साथ दूरसंचार पहचानकर्ता (टीआई) संसाधन या फोन नंबर बाधाओं को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए एसटीडी नंबर आधारित नंबरिंग योजना से फिक्स्ड-लाइन सेवाओं के लिए एलएसए (लाइसेंस-प्राप्त सेवा क्षेत्र) पर आधारित 10 अंकीय नंबरिंग योजना की तरफ जाने की अनुशंसा की है। दूरसंचार सर्किल या लाइसेंस-प्राप्त सेवा क्षेत्र (एलएसए) का आशय आमतौर पर राज्य स्तरीय क्षेत्र या बड़े महानगरीय क्षेत्र से है।
ट्राई ने सरकार को भेजी सिफारिश में कहा है कि फिक्स्ड-लाइन सेवा ग्राहकों के लिए एलएसए-आधारित 10-अंकों वाली नंबरिंग योजना लागू करने के लिए उन्हें सभी फिक्स्ड-लाइन से फिक्स्ड-लाइन कॉल को पहले 'शून्य' लगाकर डायल करना होगा। उसके बाद एसडीसीए या एसटीडी कोड और फिर ग्राहक का नंबर लगाना होगा।
नियामक के मुताबिक, कम दूरी वाले क्षेत्र (एसडीसीए) के भीतर भी स्थानीय कॉल लगाने के लिए 'शून्य' का उपयोग करके नंबर डायल किया जाना चाहिए, उसके बाद एसडीसीए कोड और ग्राहक का नंबर होगा। इसके साथ ही ट्राई ने यह भी कहा है कि ग्राहकों को जारी किए गए मौजूदा फोन नंबरों में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए।
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ट्राई ने दूरसंचार विभाग को नई नंबरिंग योजना लागू करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को छह महीने का समय देने की बात कही है। इस्तेमाल न होने से निष्क्रिय किए जा चुके नंबरों के उपयोग पर ट्राई ने कहा है कि दूरसंचार कंपनियां किसी भी मोबाइल या फिक्स्ड-लाइन कनेक्शन को तब तक निष्क्रिय नहीं करेंगी जब तक कि उस नंबर को 90 दिनों तक इस्तेमाल न किया जाए।
इसने सुझाव दिया है कि उपयोग में न रहने के कारण निष्क्रिय रहने वाले सभी मोबाइल और फिक्स्ड-लाइन कनेक्शनों को 90 दिनों की अवधि बीतने के 365 दिन बाद अनिवार्य रूप से निष्क्रिय कर दिया जाना चाहिए।
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ट्राई ने इस चरण में नंबरिंग संसाधनों पर कोई अतिरिक्त शुल्क या वित्तीय हतोत्साहन की सिफारिश नहीं की है। दूरसंचार नियामक ने एक बार फिर कहा है कि दूरसंचार विभाग को कॉलर का नाम प्रदर्शित करने वाली व्यवस्था तेजी से लागू करनी चाहिए। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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