युद्धविराम को धुएं में उड़ाता चला गया... इजरायल ने गाजा, लेबनान, सीरिया सब जगह कर दिया हमला, नेतन्याहू ने बताई वजह
जनवरी का महीना अमेरिका में ट्रंप सरकार के शपथग्रहण से हफ्ता भर पहले ही कतर, मिस्र और संयुक्त राज्य अमेरिका की तरफ से एक ऐसा ऐलान किया गया, जिसका इंतजार बीते डेढ़ बरस से मीडिल ईस्ट समेत पूरी दुनिया को था। इस ऐलान में कहा गया कि इज़राइल और हमास युद्धविराम और बंधक रिहाई समझौते पर पहुंच गए हैं। इस समझौते में हमास की ओर से चरणबद्ध तरीके से बंधकों की रिहाई, इजराइल में सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों की रिहाई और गाजा में विस्थापित हजारों लोगों को वापस लौटने की अनुमति के लिए सिलसिलेवार ढंग से चरण भी तय किए गए। इसके बाद लगा कि मीडिल ईस्ट में छिड़ा ये संकट अब खत्म हो जाएगा। दुनिया में शांति आएगी और बार बार वर्ल्ड वॉर तीन की सुगबुगाहट वाली हेडलाइनों से भी छुटकारा मिल जाएगा। लेकिन अब इजरायल ने जंग का नया मोर्चा खोल दिया है। गाजा से लेकर लेबनान और सीरिया तक में इजरायल की तरफ से ताबड़तोड़ एयरस्ट्राइक कर दिया।
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गाजा पट्टी में मचा गदर
इजराइल ने 18 मार्च की सुबह गाजा पट्टी क्षेत्र में हमास के ठिकानों को निशाना बनाते हुए सिलसिलेवार हवाई हमले किए। हमले में कम से कम 200 लोगों की मौत हो गई। मध्य गाजा स्थित अल-अक्सा मार्टर अस्पताल आधारित मंत्रालय के प्रवक्ता खलील देगरान ने मंगलवार सुबह अद्यतन आंकड़े उपलब्ध कराए। कहा जा रहा है जनवरी में युद्धविराम के प्रभावी होने के बाद से यह गाजा में अब तक का सबसे भीषणतम हमला है।
लेबनान और सीरिया में एयरस्ट्राइक
इजरायली सेना ने सीरिया के डेरा प्रांत और दमिश्क में हवाई हमले किए, जिसमें कम से कम दो लोग मारे गए और 19 अन्य घायल हो गए। ये हमले पूर्व सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद की समर्थक सैनाओं के ठिकानों पर किए गए। हमले में हथियार और सैन्य वाहनों को निशाना बनाया गया। इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों को भी निशाना बनाया। इजरायल ने कहा कि उसने दक्षिणी लेबनान के योहमोर शहर में हिजबुल्लाह के दो सदस्यों को मार दिया।
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नेतन्याहू ने क्या कहा
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि युद्धविराम को बढ़ाने के लिए वार्ता में कोई खास प्रगति नहीं होने के कारण उन्होंने हमले का आदेश दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक कार्यालय एवं आवास व्हाइट हाउस ने कहा कि हमला करने से पहले उससे सलाह ली गई है और उसने इजराइल के फैसले का समर्थन किया। व्हाइट हाउस ने फिर से युद्ध जैसी स्थिति के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया।
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