Prabhasakshi NewsRoom: Modi से मुलाकात का समय नहीं मिल रहा था, भारत को संदेश देने के लिए Xi Jinping से मिले Muhammad Yunus
भारत और बांग्लादेश के पहले से तनावपूर्ण चल रहे रिश्तों में एक नई खटास आ गयी है क्योंकि बांग्लादेश में कार्यवाहक सरकार के मुख्य सलाहकार ने अपनी चीन यात्रा से भारत को एक 'संदेश' देने की कोशिश की है। हालांकि ऐसी रिपोर्टें हैं कि यूनुस पहले भारत आना चाहते थे लेकिन नयी दिल्ली से उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। बताया यह भी जा रहा है कि बांग्लादेश ने अगले सप्ताह बैंकॉक में बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) शिखर सम्मेलन के दौरान मोहम्मद यूनुस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच बैठक का प्रस्ताव रखा है और भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है। बांग्लादेश मीडिया में इस तरह की रिपोर्टें हैं कि मोहम्मद यूनुस का यह दौरा भारत से बिगड़ते संबंधों के बीच नये दोस्त और सहयोगी तलाशने के लिए रखा गया। हम आपको यह भी बता दें कि बांग्लादेश के अधिकारियों के दावों पर अभी तक भारत की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है।
यूनुस के चीन दौरे की बात करें तो आपको बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने आज बीजिंग में मुलाकात की। चीन के सरकारी प्रसारक सीसीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार शी ने यूनुस से कहा कि बीजिंग "द्विपक्षीय सहयोग को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने को तैयार है।" शी ने कहा, "चीन... आपसी विश्वास के आधार पर बांग्लादेश का एक अच्छा पड़ोसी, अच्छा मित्र और अच्छा साझेदार बने रहने पर जोर देता है।" चीनी नेता ने कहा कि बीजिंग और ढाका को मूल हितों पर "एक दूसरे का दृढ़ता से समर्थन" करना चाहिए और उन्होंने राष्ट्रीय संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा सहित मुद्दों पर बांग्लादेश का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि दोनों देश बुनियादी ढांचे के निर्माण, जल संरक्षण और डिजिटल, समुद्री और पर्यावरण क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं तलाशेंगे। मोहम्मद यूनुस के चीनी राजधानी में कई अन्य उच्च स्तरीय बैठकें करने के बाद शनिवार को स्वदेश लौटने की उम्मीद है। बांग्लादेशी प्रशासन के अनुसार दोनों देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी सहायता, सांस्कृतिक और खेल सहयोग और मीडिया सहयोग समेत कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। बातचीत में बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों की विशाल आबादी पर भी चर्चा हुई।
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ढाका के विदेश मंत्रालय के नौकरशाह ने बताया है कि बांग्लादेश में एक चीनी "मैत्री अस्पताल" की स्थापना पर भी चर्चा हुई है। बांग्लादेश चाहता है कि उसके नागरिक इलाज के लिए भारत जाना बंद करें इसलिए वह चीन की मदद चाहता है। हम आपको यह भी बता दें कि इस सप्ताह ढाका में राष्ट्रीय दिवस पर बांग्लादेश के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के कुछ ही घंटों बाद मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस एक विशेष चाइना सदर्न फ्लाइट में सवार होकर चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर चीन के लिए रवाना हो गए थे। यूनुस की चीन यात्रा, भारत के साथ बांग्लादेश के तनावपूर्ण संबंधों के बीच हुई है। बांग्लादेश एक तरह से भारत को संदेश भी देना चाह रहा है।
जहां तक यूनुस के चीन दौरे की बात है तो यह सिर्फ ज्यादा से ज्यादा मदद मांगने पर ही केंद्रित रही। यूनुस ने शी के साथ अपनी बैठक से पहले चीनी ऋणों पर ब्याज दर कम करने और चीनी वित्तपोषित परियोजनाओं पर प्रतिबद्धता शुल्क माफ करने की चीन से अपील की थी। ‘बोआओ फोरम फॉर एशिया’ वार्षिक सम्मेलन के इतर यूनुस ने चीन के कार्यकारी उप प्रधानमंत्री डिंग शुएशियांग के साथ बैठक में विकास परियोजनाओं के लिए चीनी समर्थन मांगा। उन्होंने बांग्लादेश को दिए जाने वाले चीनी ऋणों की ब्याज दरों को तीन प्रतिशत से घटाकर एक-दो प्रतिशत करने तथा बांग्लादेश में चीन द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं पर प्रतिबद्धता शुल्क में छूट की भी मांग की। हम आपको बता दें कि जापान, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक के बाद चीन बांग्लादेश का चौथा सबसे बड़ा ऋणदाता है, जिसने उसे 1975 से अब तक कुल 7.5 अरब अमेरिकी डॉलर का ऋण दिया है। चीन के कार्यकारी उप प्रधानमंत्री डिंग के साथ अपनी बैठक में यूनुस ने वस्त्र, इलेक्ट्रिक वाहन, हल्की मशीनरी, उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक, चिप विनिर्माण और सौर पैनल उद्योग समेत चीनी विनिर्माण उद्योगों के उनके देश में स्थानांतरण के लिए बीजिंग से मदद मांगी।
इस बीच, बांग्लादेश मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि चीन ने बांग्लादेश के बदलते परिदृश्य के बीच ढाका के साथ संबंधों को मजबूत करने की इच्छा जताई है। बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी ‘बीएसएस’ ने चीनी उप-प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, ‘‘राष्ट्रपति शी जिनपिंग आपकी (यूनुस की) यात्रा को अत्यधिक महत्व देते हैं।’’ चीनी उप-प्रधानमंत्री ने यूनुस से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके अंतरिम प्रशासन के तहत दक्षिण एशियाई राष्ट्र समृद्ध होगा। डिंग ने कहा कि द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में बीजिंग बांग्लादेश सरकार को निवेश, व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों के मामले में पूर्ण समर्थन देगा।
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