भारत को घेरने वाले थे पाकिस्तान के जंगी जहाज, फिर क्या हुआ ऐसा? दुम दबाकर भागना पड़ गया
मक्कार पाकिस्तान ने भारत को गर्ने के लिए खतरनाक प्लान बनाया था। लेकिन भारत ने एक ही झटके में पाकिस्तान की इज्जत मिट्टी में मिला दी। पाकिस्तान की सेवा अपनी जंगी जहाज लेकर भारत के बेहद करीब पहुंचने वाली थी। पाकिस्तान की सेना श्रीलंका की नौसेना के साथ मिलकर भारत के पड़ोस मैं एक बड़ा योद्धा अभ्यास करने वाले थे लेकिन भारत ने कुछ ऐसा किया इसके बाद पाकिस्तान के जहाज दुम दबा कर भाग गए। भारत के आदेश के बाद श्रीलंका ने पाकिस्तान के साथ होने वाले इस युद्ध अभ्यास को रद्द कर दिया है। भारत को एक बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है। यह जीत कैसे मिली है जिसे जानकर आप भी चौंक जाएंगे।
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श्रीलंका और पाकिस्तान की नौसेनाओं के बीच लंबे समय से सौहार्दपूर्ण संबंध हैं, वे अक्सर बंदरगाहों का दौरा करते हैं और संयुक्त प्रशिक्षण अभियान चलाते हैं। हालांकि, भारत की परेशानी पाकिस्तान के चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी के साथ घनिष्ठ नौसैनिक संबंधों से उपजी है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि त्रिंकोमाली में पाकिस्तानी युद्धपोतों की मौजूदगी से इस क्षेत्र में चीनी समुद्री गतिविधियों में वृद्धि के लिए संभावित रूप से रास्ते खुल सकते हैं। नई दिल्ली की चिंताएँ बिना मिसाल के नहीं हैं। अगस्त 2022 में, हंबनटोटा बंदरगाह पर चीनी मिसाइल और उपग्रह ट्रैकिंग जहाज 'युआन वांग' के डॉकिंग के कारण भारत और श्रीलंका के बीच कूटनीतिक गतिरोध पैदा हो गया। एक साल बाद, कोलंबो बंदरगाह पर एक और चीनी नौसैनिक जहाज डॉक किया गया, जिसने एक बार फिर भारत में चिंताएँ पैदा कर दीं।
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पाकिस्तान के जंगी जहाज युद्ध अभ्यास के नाम पर किसी तरह श्रीलंका के त्रिंकोमाली पहुँचना चाहते थे। श्रीलंका का त्रिंकोमाली इलाका बेहद ही रणनीतिक जगह पर स्थित है। त्रिंकोमाली से भारत बेहद नजदीक है और यहां से बांग्लादेश का भी सीधा रास्ता निकलता है। त्रिंकोमाली मैं बैठकर हिंद महासागर में भी आराम से दबदबा बनाया जा सकता है। श्रीलंका का त्रिंकोमाली कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाज आप इसी बात से लगा सकते हैं की दशको पहला पुर्तगाली, डच और ब्रिटिशर्स इस इलाके पर कब्जा करने के लिए लड़ चुके हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान ने त्रिंकोमाली पर कब्जा करने के लिए ब्रिटेन के तीन जहाजों पर हमला कर दिया था। आज अमेरिका और चीन जैसे देश त्रिंकोमाली में आकर बैठना चाहते हैं।
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चीन इस कोशिश में था कि हंबनटोटा की तरह वो श्रीलंका के त्रिंकोमाली पर भी कब्जा कर लेगा। लेकिन श्रीलंका ने त्रिंकोमाली में भारत को एंट्री दे दी। भारत त्रिंकोमाली में एक बड़ा एनर्जी हब बना रहा है। भारत के साथ इस डील में संयुक्त अरब अमीरात और श्रीलंका की सरकार की सरकार पार्टनर है। आपको बता दें कि भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा को लेकर नई रणनीति पर काम कर रहा है। यही वजह है कि त्रिंकोमाली में भारत ऊर्जा हब बना रहा है। भारत त्रिंकोमाली के बड़े ऑयल फर्म में निवेश कर चुका है।
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