Trump के टैरिफ से क्रैश हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट
अमेरिकी स्टॉक फ्यूचर्स ने आगे और भी गिरावट का संकेत दिया है। S&P 500 futures 4.2%, Dow 3.5% और Nasdaq में 5.3% की गिरावट आई है। वैश्विक दबाव के कारण Nifty 50 और सेंसेक्स भी 4.5% गिर गए।
दूसरी ओर, तेल की कीमतों में भी गिरावट आई। अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत 4% गिरकर $59.49 पर आ गई जो 2021 के बाद सबसे कम है। ब्रेंट क्रूड भी $63.33 पर आ गया। अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट के बीच डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि कोई भी चीज नीचे जाए लेकिन कभी-कभी आपको चीजों को ठीक करने के लिए दवाइयां लेनी पड़ती हैं।ALSO READ: डोनाल्ड ट्रंप के फैसले का दिखा असर, FPI ने निकाले 10355 करोड़ रुपए
ट्रंप के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग : उधर, ट्रंप के खिलाफ अमेरिका के कई शहरों में लाखों लोग सड़क पर उतर आए हैं और उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किया है। इस बीच, 50 से ज्यादा देशों ने ट्रंप के टैरिफ से मुकाबला करने के लिए उनसे बातचीत करने की कोशिश की है लेकिन इसके बाद भी ट्रंप ने कहा है कि वह इंटरनेशनल मार्केट से होने वाले आयात पर टैरिफ में कमी नहीं करेंगे।ALSO READ: अब अमेरिका में ही बढ़ेंगी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें
आर्थिक मंदी का खतरा : ट्रंप की ओर से टैरिफ में बढ़ोतरी किए जाने के बाद चीन ने भी इसके विरोध में तीखी प्रतिक्रिया दी थी और इसके बाद से ही ट्रेड वॉर की आशंका बढ़ने लगी थी। इसके बाद से ही दुनियाभर में आर्थिक मंदी का खतरा भी बढ़ने लगा है। अमेरिकी बाजार में ऐसी कंपनियां जो बीजिंग में कारोबार करती हैं, उनकी कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट आई है।ALSO READ: ट्रंप का ट्रैरिफ वॉर : आईफोन से लेकर नाइके स्नीकर्स और दवाइयां, क्या होगा सबसे महंगा?
शेयर बाजार में उथल-पुथल का दौर तब से देखने को मिला जब चीन ने ट्रंप के टैरिफ के जवाब में उस पर भी भारी-भरकम टैरिफ लगा दिया और इसके बाद से ही ट्रेड वॉर का माहौल बनने लगा। बताना होगा कि बीजिंग के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा था कि वह चीन से आयात पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 34% टैरिफ का जवाब 10 अप्रैल से सभी अमेरिकी उत्पादों के आयात पर अपने 34% टैरिफ के साथ देगा और कुछ दूसरे कदम भी उठाएगा। बताना होगा कि अमेरिका और चीन दुनिया की दो सबसे बड़ी इकॉनॉमी हैं। यह लगभग तय है कि ऐसे ही हालात रहे तो इसका बड़ा असर दुनिया भर के बाजारों पर हो सकता है और यह मंदी की ओर ले जा सकता है।
Edited by: Ravindra Gupta
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