Canada से जयशंकर को आया दोस्ती का फोन, नया चैप्टर शुरू
आज बात एक ऐसे डेवलपमेंट की जो भारत कनाडा के रिश्तों मेवेक नए अध्याय की शुरुआत हो सकती है। काफी लंबे समय के बाद एस जयशंकर और कनाडा की विदेश मंत्री अनिता आनंद के बीच बातचीत हुई है। कनाडा में विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद अनिता आनंद और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच फोन पर बात हुई। दोनों नेताओं ने भारत कनाडा के बीच बेहतर रिश्ते बनाने पर चर्चा की। जयशंकर ने कहा कि भारत कनाडा के रिश्ते की संभावनाओं पर चर्चा हुई।
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मार्क कार्नी के कनाडा चुनाव जीतने और प्रधानमंत्री बनने के बाद दिल्ली और ओटावा के बीच यह पहला आधिकारिक राजनीतिक-स्तरीय संपर्क है, जिससे जस्टिन ट्रूडो सरकार के शासन के दौरान बिगड़े संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की उम्मीद जगी है। जयशंकर ने एक पोस्ट में कहा कि कनाडा की विदेश मंत्री अनिता आनंद के साथ हुई बातचीत की सराहना की। भारत-कनाडा संबंधों की संभावनाओं पर चर्चा की। उनके सफल कार्यकाल की कामना की। आनंद ने अपने पोस्ट में लिखा, "आज कनाडा-भारत संबंधों को मजबूत करने, हमारे आर्थिक सहयोग को गहरा करने और साझा प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने पर हुई सार्थक चर्चा के लिए मंत्री डॉ. एस जयशंकर को धन्यवाद। मैं हमारे साथ मिलकर काम जारी रखने के लिए तत्पर हूँ।
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ये कोई साधारण बात नहीं है क्योंकि भारत और कनाडा के संबंध हालिया कुछ वर्षों में बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। आपको याद होगा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो जब पहली बार सत्ता में आये थे तो भारत कनाडा संबंधों में एक पोसिटिव माहौल था। लेकिन उनके दूसरे टर्म में स्थिती बिल्कुल उलट हो गयी क्योंकि ट्रुडो की सरकार अल्पमत में थी और उन्हें सत्ता में बने रहने के लिए न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी यानी एनडीपी और उसके नेता जगमीत सिंह पर निर्भर रहना पड़ा। जगमीत सिंह खुले तौर पर खालिस्तान समर्थक एजेंडे के पक्ष में रहे हैं और उन्होंने भारत के खिलाफ कई बार बयानबाजी की।
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यह देखना अभी बाकी है कि ओटावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले महीने कनाडा में होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करता है या नहीं। 2019 में फ्रांस द्वारा मोदी को बिआरित्ज़ में आयोजित शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किए जाने के बाद से जी7 के मेज़बान देशों द्वारा भारत को आमंत्रित किया जाता रहा है। भारतीय मूल की अनीता आनंद, जो पहले कनाडा की रक्षा मंत्री सहित विभिन्न पदों पर कार्य कर चुकी हैं, ने इस महीने की शुरुआत में नए विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली। कनाडा की लिबरल पार्टी की वरिष्ठ सदस्य, 58 वर्षीय आनंद ने भगवद गीता पर हाथ रखकर पद की शपथ ली, यह एक परंपरा है जिसका पालन उन्होंने पिछली कैबिनेट नियुक्तियों के दौरान भी किया था।
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