रिजर्व बैंक ने 0.5 घटाया रेपो रेट, 10 बातों से जानिए क्या है RBI की मौद्रिक नीति में खास?
- द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की छह सदस्यीय समिति ने रेपो दर 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.50 प्रतिशत किया।
- आरबीआई ने 2025-26 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। भू-राजनीतिक तनाव एवं मौसम संबंधी अनिश्चितताएं बाधाएं उत्पन्न कर सकती हैं
- रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात एक प्रतिशत घटाने की घोषणा की, इससे बैंकों के पास 2.5 लाख करोड़ रुपये की नकदी बढ़ेगी।
- चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को चार प्रतिशत से घटाकर 3.7 कर दिया गया है।
- वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार उम्मीद के अनुरूप।
- ब्याज दर में कटौती से आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। नकदी के ‘संतोषजनक’ स्तर पर होने से बैंक ग्राहकों को कम ब्याज दर का लाभ तेजी से दे सकेंगे।
- विदेशी मुद्रा भंडार 691.5 अरब अमेरिकी डॉलर पर, 11 महीने से अधिक की आयात जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त। बाह्य क्षेत्र मजबूत बना हुआ है।
- वित्त वर्ष 2024-25 में चालू खाते का घाटा कम रहा; 2025-26 में भी प्रबंधन के स्तर पर बना रहेगा।
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अब एमपीसी भविष्य की नीति तैयार करने के लिए आय के आंकड़ों और उभरते परिदृश्य का सावधानीपूर्वक आकलन करेगी।
- काफी तेजी से रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती के बाद अब मौद्रिक नीति में वृद्धि को समर्थन देने के लिए सीमित गुंजाइश
edited by : Nrapendra Gupta
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