भाजपा ने बताया, मोदी सरकार ने किस तरह महंगाई पर नियंत्रण रखा?
भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में कहा कि जनवरी 2012 से अप्रैल 2014 के बीच जब संप्रग सत्ता में था तब खुदरा मुद्रास्फीति 28 महीनों में से 22 महीनों में 9 प्रतिशत से अधिक रही। यहां तक कि कई बार यह दोहरे अंकों में भी पहुंच गई थी।
मालवीय ने कहा कि इसके विपरीत मोदी सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति को अधिकतर पांच प्रतिशत से नीचे बनाए रखा और इसे कभी आठ प्रतिशत से ऊपर नहीं जाने दिया।
India’s retail inflation (CPI), or महँगाई, stood at just 2.1% in the month of June.
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 15, 2025
Compare this to the UPA era, when between January 2012 and April 2014, retail inflation was over 9% for a staggering 22 out of 28 months.
To add insult to injury, it even crossed into double… pic.twitter.com/KalkfL8oer
उन्होंने कहा कि संप्रग के अंतिम तीन साल के कार्यकाल में भारत औसतन 9.8 प्रतिशत की खुदरा मुद्रास्फीति से जूझ रहा था। यह इस लिहाज से और खराब थी कि उस समय वैश्विक मुद्रास्फीति अपेक्षाकृत स्थिर तथा चार से पांच प्रतिशत के बीच थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने सोमवार को बयान में कहा कि सब्जियों, दालों, मांस और दूध सहित खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी से खुदरा महंगाई दर जून में घटकर छह साल से भी अधिक के निचले स्तर 2.1 प्रतिशत पर आ गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) मई में 2.82 प्रतिशत और जून 2024 में 5.08 प्रतिशत के स्तर पर थी।
edited by : Nrapendra Gupta
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