यूएस फेड ने लगातार तीसरी बार किया रेट कट, ब्याज दर 3 साल के निचले स्तर पर

फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पावेल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि फेडरल रिजर्व अगले महीनों में और कटौती से बच सकता है और अर्थव्यवस्था की सेहत का आंकलन करेगा। उन्होंने कहा कि हम आने वाले आंकड़ों का ध्यानपूर्वक आकलन करेंगे और जो प्रमुख दर है वह उस स्तर के करीब है जो न तो अर्थव्यवस्था को रोकता है और न ही उसे बढ़ावा देता है।
अमेरिका में ब्याज दरें तीन साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंची। हालांकि चौथाई फीसदी कटौती का फैसला सर्वसम्मति से नहीं लिया गया। इस प्रस्ताव को 3 के मुकाबले 9 वोट से पास किया गया है। 2 सदस्य किसी भी कटौती के पक्ष में नहीं थे। वहीं एक सदस्य ने आधा फीसदी की कटौती का समर्थन किया था।
अमेरिका में ब्याज दरें कम होने से वहां अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि इससे यहां महंगाई बढ़ने का भी अंदेशा हैं। इससे मॉर्गेज, ऑटो लोन और क्रेडिट कार्ड पर भुगतान होने वाली राशि में कमी आ सकती है।
क्या होगा डॉलर पर असर : इस फैसले का वैश्विक अर्थव्यवस्था और विशेष रूप से अमेरिकी डॉलर पर बड़ा असर हो सकता है। आमतौर पर जब फेड ब्याज दरें घटाता है, तो डॉलर कमजोर हो सकता है। कम ब्याज दरों के कारण अमेरिकी संपत्तियों के प्रति आकर्षण अन्य देशों की संपत्तियों के मुकाबले कम हो जाता है। इससे निवेशक अधिक लाभ की तलाश में विदेशी बाजारों में निवेश सकते हैं। इससे डॉलर की मांग घट सकती है। हालांकि, इसका वास्तविक असर इस बात पर निर्भर करेगा कि भविष्य में फेड की नीतियां और वैश्विक बाजार किस तरह से प्रतिक्रिया करते हैं।
क्या हुआ भारतीय शेयर बाजारों पर असर : भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को बढ़त के साथ खुला। कारोबार की शुरुआत में BSE सेंसेक्स 65.5 अंक चढ़कर 84,456.75 पर पहुंच गया, जबकि NSE निफ्टी 25,750 से ऊपर 25,771.4 के लेवल पर खुला। इससे पहले पिछले 3 दिनों से भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में थे। सेंसेक्स में इस दौरान करीब 1300 अंकों की गिरावट आई थी।
edited by : Nrapendra Gupta
from व्यापार https://ift.tt/KYvOuX1
via IFTTT
Post A Comment
No comments :